नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ अगली सुनवाई 9 दिसंबर को

Last Updated 29 Aug 2014 09:28:07 AM IST

दिल्ली की एक अदालत ने दैनिक नेशनल हेराल्ड के अधिग्रहण मुद्दे पर शिकायत के मामले में सुनवाई गुरुवार को टाल दी है.


यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी

दिल्ली की अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर की तारीख तय की. 9 दिसंबर को ही यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपना जन्मदिन मनाती हैं.

इस मामले में अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ सम्मन जारी किए थे.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने मामले की सुनवाई की तारीख इसलिए आगे बढ़ा दी क्योंकि सोनिया और अन्य की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में लंबित आपराधिक सुनवाई पर 3 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है.

इस संबंध में शिकायत का मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल किया था.

सुनवाई के दौरान स्वामी ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपी सैम पित्रोदा के खिलाफ सम्मन उन्हें भेजा है जो उनके अनुसार, फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं.

उन्होंने अदालत में दलील दी कि उच्च न्यायालय ने अन्य आरोपियों के लिए निचली अदालत में लंबित सुनवाई पर रोक लगाई है, पित्रोदा के लिए नहीं.

स्वामी ने अदालत में कहा ‘‘रोक अन्य आरोपियों के लिए है, पित्रोदा के लिए नहीं. मैंने उन्हें सम्मन भेजा है.’’

सोनिया, राहुल और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने स्वामी के कथन के जवाब में कहा कि सम्मन गृह मंत्रालय के माध्यम से भेजा जाना है.

सुनवाई के दौरान अदालत ने स्वामी से पूछा ‘‘क्या सम्मन भेजने का कोई और तरीका है ?’’

बहरहाल, अदालत ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर इस सिलसिले में जिरह सुनेगी.

पूर्व में स्वामी ने अदालत से अनुरोध किया था कि पित्रोदा के खिलाफ जारी सम्मन उन्हें दे दिए जाएं ताकि वे वह सम्मन पित्रोदा को भेज सकें.

इस मामले में सोनिया, राहुल और अन्य को राहत देते हुए अदालत ने पूर्व में उनके खिलाफ निचली अदालत में लंबित आपराधिक सुनवाई पर रोक लगा दी थी.

स्वामी ने इस मामले में यंग इंडियन द्वारा दैनिक नेशनल हेराल्ड के अधिग्रहण में धन की हेराफेरी और धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेताओं ने सोनिया, राहुल और अन्य के खिलाफ सम्मन जारी करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है.

इस मामले में निचली अदालत द्वारा जिन नेताओं को सम्मन जारी किए गए उन्हें उच्च न्यायालय की रोक से राहत मिली है. इन नेताओं में सोनिया, राहुल, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, महासचिव ऑस्कर फर्नाडीज और सुमन दुबे शामिल हैं.

पित्रोदा एकमात्र ऐसे आरोपी हैं जिन्होंने अब तक उच्च न्यायालय में गुहार नहीं लगाई.

इस मामले में आरोपियों को सम्मन जारी करते हुए निचली अदालत ने कहा था कि स्वामी ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी, धन की हेराफेरी और विास के आपराधिक उल्लंघन का मामला प्रथम दृष्टया साबित किया है.

स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी तथा अन्य पर सिर्फ 50 लाख रूपये का भुगतान करके धोखाधड़ी करने और धन की हेराफेरी करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. स्वामी के अनुसार, इस रकम से यंग इंडियन ने 90.25 करोड़ रूपये की वह राशि वसूल करने का अधिकार हासिल कर लिया जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर कांग्रेस पार्टी की बकाया राशि थी.

 



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