मोदी के पीएम बनने के बाद एनडीए में दरार,हरियाणा जनहित ने बीजेपी से नाता तोड़ा
हरियाणा जनहित कांग्रेस ‘एचजेसी-बीएल’ ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया है.
कुलदीप |
यह गठबंधन तीन साल पहले हुआ था.
बीजेपी से नाता तोड़ते हुए कुलदीप ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया.
लोकसभा चुनाव में भी हरियाणा जनहित कांग्रेस की हार का भाजपा के नेता रहे. प्रदेश में नरेंद्र मोदी की रैली में भी हमें नजर अंदाज किया गया.
कुलदीप विश्नोई की अगुवाई वाली हजंका के एक शीर्ष नेता ने कहा ‘हमने गठबंधन को बनाए रखने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश की.. वे ‘भाजपा’ गठबंधन के सिद्धांतों पर कायम रहने के लिए तैयार नहीं हैं इसलिए हमने यह निर्णय किया.’
हजंका के अध्यक्ष ने भगवा पार्टी पर अपने साथ ‘छल’ करने का आरोप लगाया. बिश्नोई ने कहा ‘छलना भाजपा के स्वभाव में है.’
उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन साल से वह पूरे दिल से भाजपा के साथ सहयोग करते रहे.
हरियाणा में भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी सभी 90 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने की स्थिति में है. उन्होंने बिश्नोई पर ‘गठबंधन तोड़ने’ का आरोप लगाया.
हरियाणा में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बेदखल करने के लिए प्रयासरत भाजपा और हजकां के बीच दरार लोकसभा चुनावों से नजर आ रही थी. हजकां ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों पर हार गई जबकि भाजपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की.
विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच मतभेद होने के कारण उनके संबंध तनावपूर्ण थे.
बिश्नोई 90 में से 45 सीटें मांगते हुए कह रहे थे कि उन्हें गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए. भाजपा दोनों ही मांगों को खारिज कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे बिश्नोई भाजपा का यह दावा खारिज करते हैं कि उसके पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार हैं.
बिश्नोई के अनुसार, उनमें से कई लोग एक के बाद एक चुनाव हार चुके हैं. किसी का नाम लिए बिना बिश्नोई ने कहा ‘इनमें से ज्यादातर ‘जो भविष्य में मुख्यमंत्री बनने का दावा करते हैं’ को चुनाव हारने की वजह से भुलाया जा चुका है.’
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