6 पूर्व मंत्रियों, 23 पूर्व सांसदों को अब भी खाली करना है सरकारी आवास
पूर्व मंत्रियों और पूर्व सांसदों से सरकारी आवास खाली कराने का अपना अभियान जारी रखते हुए डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट अब तक 241 पूर्व मंत्रियों और सांसदों से सरकारी आवास खाली कराने में कामयाब रहा है.
क्यों नहीं खाली कर रहे पूर्व मंत्री-सांसद सरकारी आवास? (फाइल फोटो) |
शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां 17 में से 11 पूर्व मंत्रियों ने अपना बंगला खाली कर दिया है वहीं 258 में से 230 पूर्व सांसदों ने अब तक अपना आवास सौंप दिया है.
गिरिजा व्यास, पल्लम राजू, कृष्णा तीरथ, जितेंद्र सिंह और बलराम नाइक समेत सिर्फ छह पूर्व मंत्री ऐसे बचे हैं जिन्हें खाली करने का नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अपना सरकारी आवास खाली करना बाकी है.
अधिकारी ने बताया कि व्यास ने हमें आश्वासन दिया है कि वह 31 अगस्त तक अपना बंगला खाली कर देंगी.
गत 26 जुलाई को एक महीने की मोहलत समाप्त होने के बाद डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट ने पूर्व मंत्रियों से बंगला खाली कराने का मामला अर्ध न्यायिक निकाय को भेज दिया था.
पूर्व मंत्री गिरिजा व्यास और कृष्णा तीरथ ने व्यक्तिगत रूप से अपने मामले की पैरवी की जबकि अजीत सिंह, कपिल सिब्बल, फारूक अब्दुल्ला और पल्लम राजू ने आठ अगस्त को अपने मामले की पैरवी के लिए अर्ध न्यायिक प्राधिकार के पास अपने प्रतिनिधियों को भेजा था.
जहां कुछ पूर्व मंत्रियों और पूर्व सांसदों ने चिकित्सीय आधार पर अपने सरकारी आवास की अवधि बढ़ाने की मांग की थी वहीं कुछ अन्य ने वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने तक सरकारी आवास खाली करने के लिए समय की मांग की.
जहां तक नव निर्वाचित सांसदों के लिए आवास का सवाल है तो 258 पूर्व सांसदों को आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया था, जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में हार गए.
अधिकारी ने बताया, ‘‘सिर्फ 23 पूर्व सांसद ऐसे बचे हैं जिन्हें अपना आवास खाली करना है जबकि 235 ने अपना सरकारी आवास लौटा दिया है.’’
उन्होंने बताया कि पांच पूर्व सांसदों ने आवास खाली करने के आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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