Good News! अब नहीं लगाने पड़ेंगे नोटरी के चक्कर, खुद के सत्यापन को मिली मान्यता

Last Updated 27 Aug 2014 06:50:00 PM IST

मोदी सरकार ने आम जनता को तोहफा देते हुए कहा है कि अब किसी भी काम के लिए हलफनामे के बजाय उनके खुद का सत्यापन चलेगा.


Good News! नोटरी खत्म, खुद के सत्यापन को मिली मान्यता (फाइल फोटो)

जी, सरकार अब खुद के किए सत्यापन पर भरोसा करेगी हालांकि गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

मुख्य सचिव एस.के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मंगलवार को अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था.

सभी विभागाध्यक्षों को आदेश दिया गया कि वे नागरिकों को अपने विभाग से संबंधित सेवा उपलब्ध कराने के क्रम में अनावश्यक एफिडेविट (हलफनामा) की अनिवार्यता खत्म करें. इसकी जगह लोगों से स्वयं सत्यापित प्रमाण पत्र स्वीकार कर सेवा उपलब्ध कराएं.

मुख्य सचिव ने दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश पर सभी विभागाध्यक्षों से उनके विभागों द्वारा दी जाने वाली उन सेवाओं की सूची 31 अगस्त तक पेश करने को कहा है, जिनमें हलफनामा देना पड़ता है.

शपथ पत्रों की जगह स्वयं सत्यापन का विस्तृत प्रारूप प्रधान सचिव प्रशासनिक सुधार अरुण बरोका ने पेश किया था.

पारदर्शिता के नजरिए से बड़ा कदम

सरकार के 90 दिन पूरे होने के बाद मोदी सरकार के 100 दिन के एजेंडे पर पीएमओ में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने इसे पारदर्शिता के नजरिए से बड़ा कदम माना है.

वहीं मुख्य सचिव श्रीवास्तव ने अधिकारियों से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों को बिना किसी परेशानी के बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराए.

लोगों को यह भी बताना जरूरी है कि वे स्वयं सत्यापन में गलत जानकारी नहीं दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

श्रीवास्तव ने कहा कि इस कदम से नागरिकों को अच्छी सेवाएं देने के साथ हलफनामे में पैसा खर्च करने, स्टाप पेपर खरीदने, नोटरी और मजिस्ट्रेट के पास चक्कर लगाने जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी.

उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र जैसे प्रमाण पत्रों को छात्रों को स्कूल में ही उपलब्ध कराया जा सकता है.



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