क्षेत्र में शांति की सर्वोत्तम गारंटी है रक्षा सतर्कता: जेटली
रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने पहले स्वदेशी पनडुब्बी-रोधी लड़ाकू युद्धपोत ‘आईएनएस कामोर्ता’ को शनिवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया.
रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने ‘आईएनएस कामोर्ता’ भारतीय नौसेना में शामिल किया. |
पहले स्वदेशी पनडुब्बी-रोधी लड़ाकू युद्धपोत ‘आईएनएस कामोर्ता’ के शामिल होने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता बढ़ने के साथ ही जेटली ने कहा कि प्रभावी रक्षा तैयारी ही क्षेत्र में शांति के लिए ‘‘सर्वोत्तम गारंटी’’ है.
जेटली ने शनिवार को भारत को रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में सबसे बड़े केता होने के बजाय उसे प्रमुख निर्माता में परिवर्तित करने पर बल दिया.
उन्होंने विशाखापट्टनम में नौसेना गोदी में कहा, ‘‘भौगोलिक रूप से भारत एक बेहद महत्वपूर्ण स्थिति पर पहुंच गया है. हमारा तटीय क्षेत्र काफी लंबा है. हमारा अशांत पड़ोस का इतिहास भी रहा है लिहाजा हमारी प्रभावी तैयारी क्षेत्र की शांति के लिए सर्वोत्तम गारंटी है.’’
आईएनएस कामोर्ता (जिसमें 90 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण हैं) को शामिल किये जाने के बाद जेटली ने इस बात पर संतोष जताया कि भारत के जहाज निर्माण उद्योग ने काफी विकास किया है और यह रक्षा तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो गया है.
उन्होंने कहा कि निजी गोदियां भी सार्वजनिक क्षेत्र में इनको स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा देने के लिए उभर रही हैं. ‘‘अब समय है कि हम दुनिया के सबसे बड़े केता (रक्षा उपकरणों के) बनना बंद कर दें और एक महत्वपूर्ण विक्रेता बन जाये. आज के उद्यम :कामोर्ता: ने इस सिलसिले में हमारी ताकत को प्रदर्शित किया है.’’
जेटली ने ध्यान दिलाया कि उच्च प्रौद्योगिकी वाला युद्धपोत विशिष्ट है क्योंकि यह भारतीय नौसेना के बढ़ते प्रभाव एवं तैयारियों को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा, ‘‘एक अन्य महत्वपूर्ण पोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है.’’
इस युद्धपोत के नब्बे प्रतिशत साजो-सामान स्वदेशी हैं और इसका निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने किया है.
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि कामोर्ता ऐसा प्रमुख युद्धपोत है, जो पनडुब्बी युद्ध रोधी, हवाई और सतही हथियारों एवं सेंसरों के लिए प्रतिरोधी क्षमता रखने वाला है. यह भारतीय नौसेना के अपने संगठन (डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन) द्वारा डिजाइन किए गए उन चार एएसडब्ल्यू (पनडुब्बी निरोधक युद्धकौशल) युद्धपोतों में से पहला है, जो रडार से बचकर निकल सकते हैं.
इसपर सतह से हवा में मार सकने वाली छोटी दूरी की मिसाइलें और एटीडीएस प्रणाली होगी. यह एक एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर को भी अपने साथ ले जा सकता है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धवन ने कहा कि कामोर्ता के शामिल होने से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना की पनडुब्बी निरोधक युद्धकौशल क्षमता में नया आयाम जुड़ गया है.
उन्होंने कहा कि पोत द्वारा विभिन्न अभियान चलाने में सक्षम होने के कारण भारतीय नौसेना की बहु आयामी क्षमता बढ़ गयी है.
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