मोदी ने आईआईटी छात्रों से कहा, चुनौतियों को स्वीकार करें और लोगों से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने और उनकी समस्याओं का बेहतरीन समाधान निकालने के लिए आईआईटी छात्रों को नए आविष्कार करने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) |
मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के अध्यक्षों और निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे उत्पादों का निर्माण करने की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए जिसके लिए भारत काफी हद तक आयात पर निर्भर है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘विज्ञान सर्वव्यापी है, प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए. उन्होंने आईआईटी से देश के लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया.
मोदी ने ऐसे कई क्षेत्र बताए जहां भारत काफी हद तक आयात पर निर्भर है. इनमें रक्षा उपकरण से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र और संवेदनशील, सुरक्षा संबंधी वस्तुएं जैसे करेंसी की स्याही और अश्रु गैस शामिल हैं.
उन्होंने भरोसा जताया कि भारत के पास देश के अंदर ऐसी चीजों का निर्माण करने की प्रतिभा है.
आईआईटी से इस प्रकार की चुनौतियों को स्वीकार करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह विश्वास नहीं कर सकता कि हमारे देश में ऐसी प्रतिभा नहीं है, जो इन चीजों का निर्माण न कर सके.
प्रधानमंत्री ने आईआईटी से आग्रह किया कि उनके छात्रों को स्थानीय आवश्यकताओं और जरूरतों से संबंधित परियोजनायें दी जायें ताकि वे अपने अध्ययनों से आम लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का अभिनव समाधान ढूंढ सकें.
उन्होंने आईआईटी से अपने आस पास के इंजीनियंरिग कॉलेजों को अपनाने और उनके छात्रों का मार्गदर्शन करने का भी आह्वान किया. उन्होंने आईआईटी से कहा कि वे अपने आस पास के लोगों द्वारा विकसित किये गये अभिनव प्रयासों की खोज करें ताकि ये बदलाव के लिए प्रेरणादायक बन सके.
आईआईटी छात्रों को एक बड़ी ताकत बताते हुए उन्होंने कहा कि आईआईटी को अपने पूर्व छात्रों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे अन्य छात्रों के साथ बातचीत करें ताकि छात्र उनके अनुभव से लाभांवित हो सकें.
प्रधानमंत्री ने आईआईटी से प्रोद्योगिकी के जरिये ‘सबके लिए आवास’ के विजन को पूरा करने में सहयोग करने को भी कहा ताकि कम कीमत पर मजबूत और पर्यावरण अनुकूल घरों का तेजी से निर्माण किया जा सके.
उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी भारतीय रेल के लिए उपभोक्ता अनुकूल प्रगतिशील कार्यों में सहयोग कर सकते हैं.
मोदी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में राष्ट्र और भावी पीढियां लाभांवित होंगी.
उन्होंने कहा कि हालांकि संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग महतवपूर्ण है, लेकिन हमें खुद अपनी रैंकिंग के लिए मानक तय करने चाहिए जिससे परिवर्तन और सुधार की स्वनिर्मित प्रक्रिया तैयार की जा सके.
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