सैनिक का सिर काटने की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया: जनरल सिंह

Last Updated 31 Jul 2014 04:38:04 PM IST

सेना प्रमुख के पद से गुरुवार को रिटायर हुए जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि 2013 में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर काटने की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.


जनरल बिक्रम सिंह

उन्होंने भविष्य में पश्चिमी मोर्चे पर झड़पों की संभावना से इनकार नहीं किया.

जनरल सिंह ने पद मुक्त होने से पहले स्वीकार किया कि भारतीय और चीनी सेना के सैनिकों के अपने अपने  दावे वाले क्षेत्रों में गश्त के दौरान आमना सामना हो जाता है लेकिन इसका समाधान वर्तमान व्यवस्थाओं के तहत किया जाता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने आठ जनवरी 2013 की सिर काटने की घटना का करारा जवाब दिया, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा किया गया. कृपया समझिये कि जब हम बल प्रयोग करते हैं वह रणनीति से लेकर अभियान और सामरिक स्तर तक होता है.

जनरल सिंह ने कहा, ‘‘जब मैं यह उल्लेख करता हूं कि उस घटना के दौरान वह रणनीतिक स्तर पर अभियानों पर लक्षित था जिसे पूरा किया गया. मैं समझता हूं कि यह स्थानीय कमांडर द्वारा किया गया, प्रमुखों का इससे कुछ भी लेना देना नहीं था.’’

भारतीय सैनिक का सिर काटे जाने की घटना के बाद जनरल सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सेना अपने हिसाब से सही समय और स्थान पर बदला लेगी. उन्होंने इस घटना के छह दिन बाद यह बयान दिया था.

लांस नायक हेमराज का सिर पाकिस्तानी विशेष बलों और आतंकवादियों ने धड़ से अलग कर दिया था और जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंतण्ररेखा पर अन्य जवान लांस नायक सुधाकर सिंह का क्षतविक्षत शव मिला था.

जब जनरल सिंह से पूछा गया कि क्या चीन और पाकिस्तान के साथ झड़पों की संभावना है तो उन्होंने कहा कि चीन के साथ ऐसी संभावना नहीं है. चीन के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसकी संभावना नजर नहीं आती क्योंकि हमारे पास एक मजबूत पण्राली है. ऊंचे स्तर पर एक आपसी समझ है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं चीन गया तब (मैंने) दोनों देशों के बीच व्यापक समझदारी देखी और मुझे झड़प की कोई संभावना नजर नहीं आती क्योंकि सम्पकों की एक व्यापक नियमावली है. ’’

पाकिस्तान के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘पश्चिम मोर्चे पर आपको अच्छी तरह मालूम है कि नियंत्रण रेखा है जो काफी सक्रिय सीमा है और रणनीतिक स्तर पर सीमा पार से हमेशा ही गोलीबारी होती है. ’’

अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि के बारे में एक सवाल के जवाब में जनरल सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा पिछले कुछ समय से है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सैनिक उन्हें जवाब देते हैं. ये रणनीतिक स्तर की घटनाएं हैं और उन्हें उसी स्तर पर छोड़ दिया जाए. यह पिछले कुछ वर्षों से जारी प्रक्रिया है. सैनिक अपना काम प्रभावी ढंग से कर रहे हैं. ’’

चीन की सीमा पर अतिक्रमण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी सीमा पर, हम अपनी गश्ती कर रहे हैं और हमारे सैनिकों और पीएलए सैनिकों द्वारा गश्ती ऐसे क्षेत्र में की जाती है जो विवादास्पद है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों का ही उस क्षेत्र पर दावा है, ऐसे में जब गश्ती दल वहां पहुंचते हैं तो एकबारगी उनमें आमना सामना होता है और उसे विद्यमान सम्पर्क की नियमावली के अनुसार हल किया जाता है. हमारे पास ऐसे मुद्दों और उत्पन्न होने वाली गंभीर स्थितियों से निबटने के लिए मजबूत प्रणाली है.’’

उन्होंने कहा कि माउंटेन स्ट्राइक कोर की इकाइयां, जिन्हें चीन की सीमा पर तैनात किया जाना है, इस साल पहली जनवरी से तैयार की जाने लगीं.

जनरल सिंह बतौर 26 महीने तक सेना प्रमुख रहने के बाद गुरुवार को सेवानिवृत हो गए.



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