जीएम फसलों के ट्रायल पर मोदी सरकार संघ के दबाब में झुकी!
स्वदेशी जागरण मंच के विरोध के बाद 15 जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों का खेतों में परीक्षण फिलहाल नहीं होगा.
जीएम फसलों के ट्रायल पर रोक! (फाइल फोटो) |
पर्यावरण मंत्रालय ने जीएम फसलों के परीक्षण की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. मंत्रालय ने सफाई दी है कि ट्रायल का फैसला सरकार का नहीं समिति का था. जीएम फसलों को लेकर कई बार देश में विरोध प्रदर्शऩ हुआ.
इसी के बाद जेनेटिक इंजिनियरिंग एप्रूवल कमेटी बनाई गयी थी. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि सरकार ने कभी भी जीएम फसलों के परीक्षण की अनुमति नहीं दी बल्कि इसी समिति ने परीक्षण की सिफारिश की थी जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है.
यूपीए सरकार ने इस ट्रायल को मंजूरी दी थी, लेकिन आरएसएस से जुड़ी कई संस्थाएं पिछले काफी वक्त से जीएम फसलों के परीक्षण का विरोध करती रही हैं.
इसे लेकर कई बार देश में विरोध प्रदर्शऩ हो चुके हैं. ऐसे में पर्यावरण मंत्रालय ने जीएम फसलों के परीक्षण की अनुमति को फिलहाल टाल दिया है.
दरअसल, जीएम फसलों के परीक्षण को लेकर देश में लंबे समय से विवाद है. इसके पक्ष में कहा जाता है कि इससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. लेकिन विरोधियों का तर्क है कि इससे दूसरी फसलें भी बर्बाद हो जाएंगी.
जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी ऐसी फसलें जिनके DNA में बदलाव किया जाता है जेनेटिंक इंजीनियरिंग के जरिए इसके DNA के जीन्स में बदलाव किया जाता है. इससे फसलों की मनचाही क्वालिटी मिलने लगती है.
साथ ही फसलों की पैदावार भी कई गुणा बढ़ जाती है. विरोधियों का तर्क है कि इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है और फसलों की क्ववालिटी भी प्रभावित होती है.
Tweet |