एलओपी विवाद: सरकार कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज
लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच जुबानी जंग हुई और मुख्य विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर अपने निशाने में स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी ले लिया.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (फाइल) |
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी ने विपक्ष के नेता पद पर दावा करते हुए स्पीकर को पत्र लिखा है और स्पीकार को अभी निर्णय करना है. सिंह लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता हैं.
उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा कि इसका मतलब है कि निर्णय सरकार के साथ विचार विमर्श करके लिया जायेगा. इसका मतलब है कि सरकार जो चाहेगी वही होगा.
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि कुछ दल यह महसूस कर रहे हैं कि ज्यादातर मुद्दे, जिन्हें वे उठाना चाहतें हैं, उन्हें वह महत्व नहीं दिया जा रहा है जो उन्हें दिया जाना चाहिए. इस मामले में अपनी चिंताएं जाहिर करने के लिए हम स्पीकर से मुलाकात करने की सोच रहे हैं.
सरकारी पक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि कांग्रेस की राय उसकी हताशा को जाहिर करती है. लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता पद के विवाद में पड़ने से इंकार कर दिया.
महाजन ने कहा कि सभी को समान समय दिया जाये यह उनका प्रयास है. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में मेरा प्रयास है कि सभी दलों को बोलने का बराबर का अवसर मिले और मैं इसके लिए पूरा प्रयत्न कर रही हूं.
कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा में विपक्ष का नेता का पद उसका अधिकार है. कांग्रेस ने सरकार पर इस मुद्दे पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया. पार्टी ने उम्मीद जताई कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन इस मुद्दे पर अपने फैसले को राजनीति के विभिन्न रंगों से प्रभावित नहीं होने देंगी.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विपक्ष का नेता पद कांग्रेस का अधिकार है. ऐसा नहीं है कि सरकार को हमें यह देना है. यह संसदीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़े दल और सत्तारूढ गठबंधन के बाद यह सबसे बड़ा चुनाव पूर्व गठबंधन है. कांग्रेस विपक्ष के नेता पद का स्वभाविक दावेदार है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि स्पीकर पर आक्षेप लगाना निंदनीय और अस्वीकार्य है. लोगों ने उन्हें (कांग्रेस) शासन करने का जनादेश नहीं दिया है, जनता ने उनमें से 55 लोगों को भी नहीं चुना, हम क्या कर सकते हैं? हम कैसे मदद कर सकते हैं?
जावड़ेकर ने कहा कि स्पीकर पर कटाक्ष व्यक्त करना कांग्रेस की हताशा को प्रदर्शित करता है... लोगों ने उन्हें विपक्ष के नेता लायक भी नहीं बनाया. यह जनादेश है.
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