राज्यसभा: बुलेट ट्रेन नहीं, रेल यात्रियों को सुविधाओं की दरकार

Last Updated 22 Jul 2014 05:10:06 PM IST

सरकार को बुलेट ट्रेन के बजाय ट्रेनों में यात्री सुविधाओं का विस्तार करने और रेलवे की माली स्थिति सुधारने पर अधिक ध्यान देना चाहिए.


Parliament

रेल बजट में घोषित बुलेट ट्रेन परियोजना को लागू करने का कांग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों ने विरोध करते हुए यह बात कही.

राज्यसभा में रेल बजट पर चर्चा

राज्यसभा में रेल बजट 2014-15 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि वह इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि रेलवे की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है. लेकिन यह कहना बिल्कुल गलत है कि पिछले कुछ दशकों में रेलवे में कोई उपलब्धि हासिल नहीं हुई है.

रमेश ने कहा कि रेलवे के बजट में सामाजिक बजट की अनदेखी नहीं की जा सकती लेकिन इसे रेलवे के वाणिज्यिक परिचालन की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेलवे के सामाजिक बजट के लिए आम बजट में अलग से प्रावधान होना चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि रेलवे के लिए अलग बजट होने के उपनिवेशी विचार से हमें अब मुक्ति पानी चाहिए.

रेल बजट में घोषित बुलेट ट्रेन का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वह जापान और चीन की बुलेट ट्रेन में काफी घूमे हैं और इन यात्राओं से उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि बुलेट ट्रेन भारत के लिए नहीं है.

रमेश ने कहा कि अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने में 54 से 60 हजार करोड़ रूपये की लागत आएगी और एक तरफ का किराया करीब 5,000 रूपये बैठेगा. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी धन राशि का इस्तेमाल रेलवे को दुरूस्त करने के लिए किया जा सकता है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में प्रति वर्ष साढ़े चार हजार रेल डिब्बे बनते हैं. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जितने भी नए डिब्बे बनें उनमें जैव शौचालय हों.

उन्होंने कहा कि इससे न केवल रेलवे स्वच्छ होगी बल्कि पटरियों की जीवन अवधि बढ़ाई जा सकेगी क्योंकि अभी सारा मलबा पटरियों पर भी गिरता है और जंग लग कर पटरियां जल्द ही खराब हो जाती हैं.

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि ट्रेनों में आज सबसे बड़ी जरूरत है कि जनरल कोचों की संख्या बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि ट्रेनों में गरीबों की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता जबकि अमीरों के लिए आरक्षित और एसी कोचों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

यादव ने बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि इस पर जितना खर्च आएगा उससे देश की पूरी रेल व्यवस्था को दुरूस्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगले 20 साल में भी देश में बुलेट ट्रेन नहीं चल पाएगी.

सपा नेता ने ट्रेनों में खानपान सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाने पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि रेलवे के जरिये देश की जितनी सेवा की जा सकती है उतनी किसी अन्य विभाग के जरिये नहीं की जा सकती.

माकपा के के एन बालगोपाल ने कहा कि इस रेल बजट में राजनैतिक बदले की भावना स्पष्ट दिखाई दे रही है क्योंकि केरल के लिए एक भी नयी ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने सवाल किया कि क्या केरल को इसलिए यह सजा दी गई है क्योंकि उसने एक भी भाजपा सांसद को चुन कर नहीं भेजा है.

उन्होंने कहा कि सरकार के पास हर समस्या का समाधान सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) है. पीपीपी के नाम पर निजी कंपनियों को सरकार की बहुमूल्य जमीन प्रदान की जा रही है जिसका दुरूपयोग किया जाता है. बुलेट ट्रेन का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी लागत देश वहन नहीं कर सकता.



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