राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून मनरेगा को जारी रखेगी सरकार
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने राज्यसभा को बताया कि मनरेगा के कार्यान्वयन में सुधार के लिए एक कार्ययोजना बनाई गई है.
मनरेगा को जारी रखेगी सरकार (फाइल फोटो) |
सरकार ने कहा कि मौसम संबंधी कारणों के आधर पर साल दर साल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम की मांग में अंतर होता है लेकिन इसमें कमी नहीं आई है और वह इस योजना को जारी रखेगी.
उन्होंने इस बात को गलत बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून :मनरेगा: के तहत निर्दिष्ट रोजगार के आधार पर काम की मांग में कमी आई है. उन्होंने कहा कि मौसम संबंधी कारणों के आधर पर साल दर साल काम की मांग में अंतर होता है लेकिन इसमें कमी नहीं आई है.
उन्होंने बताया कि सरकार का इरादा इस योजना को जारी रखने का है और इसके बेहतर क्रि यान्वयन के लिए कई उपाय किए गए हैं.
राज्यों को इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के प्रचालन को सर्वव्यापी बनाने की सलाह दी गई है ताकि राज्य से लेकर मजदूरों तक को निधियां आसानी से मुहैया कराई जा सकें और मजदूरी के भुगतान में विलंब न हो.
राजीव चंद्रशेखर के प्रश्न के लिखित उत्तर में कुशवाहा ने बताया कि राज्यों से शिकायतों के समाधान के लिए प्रत्येक जिले में ओम्बड्समैन तैनात करने को कहा गया है. योजना की निगरानी के लिए जिला और राज्य स्तरों पर सतर्कता और निगरानी समितियां भी गठित की गई हैं.
कुशवाहा ने इस बात को गलत बताया कि मनरेगा के तहत स्थायी रोजगार देने का निर्णय किया गया है या ऐसा कोई प्रस्ताव है.
उन्होंने के सी त्यागी के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मनरेगा मांग के अनुसार, अकुशल शारीरिक श्रम कार्य मुहैया कराने वाला मांग आधारित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है जिसके तहत वर्ष में किसी भी समय कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है.
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