कृपाशंकर सिंह पर मुकदमा चलाने की अनुमति से स्पीकर का इनकार
आय अधिक संपत्ति के मामले में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस नेता कृपाशंकर सिंह पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस नेता कृपाशंकर सिंह (फाइल) |
विपक्षी भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की और इसे भ्रष्टाचार को संरक्षण प्रदान करना बताया.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में सिंह पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देने से हाल ही में विधानसभाध्यक्ष ने इनकार कर दिया.
पहचान गुप्त रखने की शर्त पर सूत्रों ने यह जानकारी दी लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किस आधार पर अनुमति नहीं दी गयी.
सू़त्रों ने कहा कि यह फैसला अदालत के परीक्षण के लिए खुला है.
विधानसभाध्यक्ष के फैसले पर विपक्षी भाजपा ने तीखी आलोचना की है और मांग की कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें.
विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े ने कहा कि सिंह के बचाव का विधानसभाध्यक्ष का फैसला भ्रष्टाचार का बचाव करने जैसा है. अदालतें तय करें कि सिंह दोषी हैं या नहीं.
हालांकि कांग्रेस इस मुद्दे पर तुरंत ही विधानसभाध्यक्ष के बचाव में उतर गयी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे ने कहा कि सिंह के खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. विधानसभाध्यक्ष ने अवश्य ही कानूनी पहलुओं का परीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया होगा.
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी वाल्से पाटिल का समर्थन करते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि विधानसभाध्यक्ष विधि स्नातक हैं. यदि उन्होंने फैसला किया है तो निश्चित ही उसका ठोस कारण रहा होगा.
मुम्बई पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन साल तक सिंह के विरूद्ध इस मामले की जांच की थी.
सामाजिक कार्यकर्ता संजय तिवारी ने 2010 में इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज की थी. तिवारी ने बंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कलिना से इन कांग्रेस विधायक ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी है.
एसआईटी ने तत्कालीन मुम्बई पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह की अगुवाई में पिछले दिसंबर में इस मामले की जांच पूरी की थी और सिंह पर मुकदमा चलाने के लिए विधानसभाध्यक्ष की अनुमति के वास्ते जांच रिपोर्ट उनके पास भेजी थी.
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