BUDGET 2014:आम जनता की उम्मीदों के बीच जेटली ने पेश किया बजट
वित्तमंत्री अरुण जेटली अपना पहला बजट पेश कर रहे हैं.मध्यम वर्ग व उद्योग जगत को नई सरकार के इस पहले बजट से काफी उम्मीदें हैं.
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माना जा रहा है कि बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए कुछ रियायतों की घोषणा हो सकती है.
इसके अलावा इसमें विवादास्पद पिछली तारीख से कर को समाप्त किया जा सकता है और वृद्धि के लिए निवेश व विनिर्माण में नई जान फूंकने के उपायों की घोषणा हो सकती है.
संसद में पेश किए जाने वाले 2014-15 के बजट को लेकर काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं.
आयकर छूट सीमा बढ़ना मुश्किल
हालांकि इसमें कर स्लैब या आयकर छूट की सीमा बढ़ने की संभावना नहीं है, लेकिन चर्चा है कि इसमें बचत को प्रोत्साहन के जरिये लोगों को राहत दी जा सकती है.
निवेश को प्रोत्साहन को जेटली उद्योग के लिए कर राहत की घोषणा कर सकते हैं.
इसी के तहत सरकार वाहन व टिकाऊ उपभोक्ता उद्योग के लिए उत्पाद शुल्क रियायत की समयसीमा को पहले ही दिसंबर तक बढ़ा चुकी है.
इसके अलावा वित्तमंत्री सोने के आयात पर शुल्क घटाने का भी प्रस्ताव कर सकते हैं. पिछले साल बढ़त चालू खाते के घाटे पर अंकुश के लिए सरकार ने सोने पर आयात शुल्क बढ़ाया था.
इसके अलावा वित्तमंत्री मानसून की कमी के प्रभाव को कम करने के लिए किसानों को राहत प्रदान कर सकते हैं. भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में मूल्य स्थिरीकरण कोष का वादा किया है.
बजट में इसकी घोषणा हो सकती है.
वित्तमंत्री वस्तु एवं सेवाकर के लिए रूपरेखा भी पेशकर सकते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि प्रत्यक्ष कर संहिता पर उनका रख क्या रहेगा. आर्थिक समीक्षा में इसका उल्लेख है.
घरेलू व विदेशी निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए जेटली कारपोरेट विलय व अधिग्रहण के लिए पिछली तारीख से कर के प्रावधान को समाप्त कर सकते हैं.
2013-14 की आर्थिक समीक्षा में महंगाई पर अंकुश रखने और राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने पर बल दिया गया है ताकि देश को उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर ले जाया जा सके.इससे साफ है कि कर दाताओं को जेटली से ज्यादा उम्मीदें लगाना ठीक नहीं है,वैसे उम्मीदों पर दुनिया कायम है.
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