कोयला घोटाला : पांच कंपनियों पर गिर सकती है ईडी की गाज
कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही पांच कंपनी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) और फेमा के तहत बुक करेगा.
पांच कंपनियों पर गिर सकती है ईडी की गाज |
ईडी ने इन कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. यह कंपनियों हैं- कैस्ट्रान टेक्नोलॉजी, झारखंड इस्पात प्रा.लि., पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्रा.लि., जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड.
जांच में यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ स्थित केसला नॉर्थ ब्लॉक, मध्य प्रदेश स्थित ब्रमिपुरी कोल ब्लॉक, झारखंड स्थित अमरकोंडा मुर्गदंगल कोल ब्लॉक के आवंटन में भारी अनियमितताएं बरती गई.
कंपनियों की जांच में ईडी ने पाया कि ब्रमिपुरी कोल ब्लॉक जिसे 2006 में आवंटित किया गया था, ने अपनी कुल संपत्ति का ब्यौरा गलत दिया.
अपने आवेदन में भी उसने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए. जांच में पाया गया कि ब्रमिपुरी कोल ब्लॉक जिस कंपनी को आवंटित किया गया था, उस कंपनी को खनन का कोई खास अनुभव नहीं था.
केसला नॉर्थ ब्लॉक जो छत्तीसगढ़ में है, के आवंटन में भी अनियमितताएं मिली हैं. जांच में पाया गया कि जिस कंपनी को यह ब्लॉक आवंटित किया गया, उसने दस्तावेज में सरकारी जमीन को गलत तरीके से कब्जे में दिखाया था.
जांच में पाया गया कि उस कंपनी को यह कोल ब्लॉक 2008 में आवंटित किया गया था, उस समय इस दौड़ में इससे काबिल कंपनियां भी थीं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. ईडी इस मामले में कोयला मंत्रालय के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार झारखंड स्थित अमरकोंडा मुर्गदंगल कोल ब्लॉक आवंटन में कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने कंपनी के कुल पूंजी को भी नजरअंदाज कर दिया. इस कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित कर दिया गया. ईडी इस मामले में पूर्व कोयला मंत्री की भूमिका की भी जांच कर रहा है.
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