गिलानी का दावा कि मोदी ने भेजे थे दूत, कश्मीर मसले पर मांगा था समर्थन
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने दावा किया कि बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र ने कश्मीर मसले पर उनसे मदद मांगी थी.
सैयद अली शाह गिलानी (फाइल फोटो) |
गिलानी ने कहा कि मोदी ने दो कश्मीरी पंडितों को अपना दूत बनाकर उनके मुलाकात के लिए भेजा था.गिलानी ने कहा कि ये लोग कश्मीर मसले पर किसी समझौते का आश्वासन चाहते थे. गिलानी ने इन दोनों कश्मीर पंडितों के नाम का खुलासा नहीं किया है.
बहरहाल, गिलानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर ‘नरम’ नीति विकसित करने को लेकर उन्हें मोदी से कोई उम्मीद नहीं है और उन्होंने उनकी पेशकश मानने से साफ इनकार कर दिया.
गिलानी ने कहा, ‘मोदी ने एक मुहिम शुरू की है और यहां के लोगों से संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने मेरे सहित अलगाववादी नेतृत्व से संपर्क किया है जो इस बात का संकेत है कि वह आजादी चाहने वाले धड़े में अपने लिए नरम रूख पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.’ बुधवार को दिल्ली से वापस आने के तुरंत बाद नजरबंद किए गए गिलानी ने कहा कि दो कश्मीरी पंडित मोदी के दूत बनकर उनके पास आए और कहा कि वह ‘कश्मीर मुद्दे पर प्रतिबद्धता’ हासिल करने के लिए ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से’ मोदी से बात करें.
गिलानी ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और कश्मीर मुद्दे पर उनसे प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए आप उनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बात करें.’ हुर्रियत नेता ने कहा, ‘बहरहाल, मैंने उनकी पेशकश सिरे से खारिज कर दी. मैंने उनसे कहा कि मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आदमी हैं और उसी की विचारधारा के झंडाबरदार हैं. बीजेपी के नेता होने के नाते वह कश्मीर पर कोई व्यावहारिक नीति नहीं अपनाएंगे.’
वहीं बीजेपी ने इस बात का खंडन किया कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने के लिए किसी दूत को भेजा है ताकि कश्मीर मुद्दे का हल निकालने का वादा करके अपने प्रति सहानुभूति पैदा कर सकें.
गिलानी के ऐसे दावों को ‘बदमाशी’ और निराधार बताकर खारिज करते हुए पार्टी ने एक बयान में कहा कि कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए किसी भी दूत ने न तो गिलानी से मिलने का प्रयास किया और न ही उनसे भेंट की है. बयान में कहा गया है कि बीजेपी का यह रूख कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है बहुत स्पष्ट है और इसमें विचार-विमर्श की कोई गुंजाइश नहीं है.
गिलानी ने यह बात अपना नया हड़ताली कैलेंडर जारी करते हुए कही. हुर्रियत प्रमुख ने 21 अप्रैल को पूर्ण कश्मीर बंद का एलान किया है.
वहीं 24 व 30 अप्रैल को अनंतनाग व श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में और सात मई को बारामुला संसदीय क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है.
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