उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समय से खास बातचीत

Last Updated 16 Apr 2014 11:44:21 PM IST

लोकसभा चुनावों को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. मगर सबसे दिलचस्प लड़ाई उत्तर प्रदेश में लड़ी जा रही है.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समय से खास बातचीत

चुनावी लड़ाई उत्तर प्रदेश में दिलचस्प इसलिए भी है क्योंकि यहां पर लोकसभा की 80 सीटें हैं और प्रधानमंत्री पद के ज्यादातर दावेदार उत्तर प्रदेश की जमीन पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

मुद्दों पर ध्यान बांटने की कोशिश :
उत्तर प्रदेश की 80 सीटों का चुनाव तय करेगा कि देश का भविष्य किस दिशा में जा रहा है. यह सही है कि देश के तमाम महत्वपूर्ण सवाल भी हैं. लेकिन इधर जो राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश में आए हैं उनकी कोशिश है कि जो मुख्य मुद्दे हैं उनपर बहस ना हो.

महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा: आज सबसे बड़ा सवाल है कि महंगाई को किस तरह कम किया जाए. बड़ी संख्या में बेरोजगारी है उन तमाम नवयुवकों को रोजगार के अवसर कैसे मिले.

इधर जो दुनिया का बाजार जो नीचे गया है और केंद्र सरकार के माध्यम से लोन भी बहुत ले लिया है. जब डालर सस्ता था उस समय सरकार को लोन भी बहुत मिला और आज डालर की कीमत ज्यादा है जब वह वापस करना पड़ रहा है.

रक्षा विभाग के भी सवाल हैं और विदेश नीति किस दिशा में जाए यह एक बड़ा सवाल है. सच्चाई यह है जो समाजवादियों का कहना है कि हमें अपने पड़ोसियों से संबंध अच्छे रखने चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप दोस्त बदल सकते हैं लेकिन आप देश नहीं बदल सकते, पड़ोसी नहीं बदल सकते तो कहीं ना कहीं विदेश नीति पर भी चर्चा हो. लेकिन कांग्रेस इतनी कमजोर है और उसी के कारण भारतीय जनता पार्टी केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में एक झूठे प्रचार के माध्यम से जनता को प्रभावित करना चाहती है.

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में असल मुद्दों पर चर्चा ना करके केवल सांप्रदायिकता का सहारा लेकर और तमाम ऐसे सवाल जिनसे जनता को कोई फायदा ना पहुचे उनको मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रही है.

जमीनी मुद्दों को छोड़कर हवाहवाई मुद्दे उत्तर प्रदेश में उछाले जा रहे हैं.

वो इसलिए भी है कि उन्होंने प्रचार पर बहुत खर्चा किया है. हम तो हजारों करोड़ रुपए मानते थे लेकिन इधर रिपोर्ट पढ़ने में आई है कि 10 हजार करोड़ रुपए भारतीय जनता पार्टी ओर उनका प्रचार करने का इंतजाम करने वाले लोग खर्चा करेंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए कहा है कि वह इवेंट मैनेजमेंट में बहुंत अच्छे हैं. अगर वे इवेंट मैनेजमेंट में अच्छे हैं तो प्रचार में तो खर्च करेंगे. यह देश में पहला चुनाव है जिसमें जनता देख रही है जिसमें प्रचार मे और ऐसे प्रचार में जिससे कोई लाभ नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि कोई मुद्दा ऐसा नहीं जो सीधे-सीधे जनता से जुड़ा हो.

मैंने अपनी पार्टी के साथियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रचार से जनता प्रभावित ना हो. जनता में यह संदेश जाना चाहिए और इस तरह का कंपीटीशन राजनीतिक दलों में होगा कि कौन प्रचार में कितना खर्च करे. इसलिए चुनाव आयोग भी सख्ती करता है. प्रचार में जो ज्यादा पैसे खर्च करने का चलन चल रहा है वह कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे.

इसलिए समाजवादी पार्टी ने सादगी से और कम इंतजाम के साथ चुनाव प्रचार में गई है क्योंकि हमारी पार्टी के पास काम ज्यादा हैं. हम अपनी उपलब्धियां जनता को बता रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी उपलब्धियों में आगे है और प्रचार में पीछे है. वहीं दूसरे दल खासकर भाजपा प्रचार में आगे है और उपलब्धियों में पीछे है.

भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा या सांप्रदायिकता:
देश के लिए दो बड़े सवाल हैं. अगर भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा तो  सरकार का मकसद जिनको लाभ देना है और जिस तरीके से पैसे की बर्बादी है वह रुकनी चाहिए. और भ्रष्टाचार के लिए लगातार का काम करना पड़ेगा.

भ्रष्टाचार किस-किस स्तर पर है किस रूप में. भ्रष्टाचार के कई रूप में किस स्तर पर आप खत्म कर सकते हैं. कम से कम सरकार आम जनता को जो उसके छोटे-छोटे कार्य हो उनमें भ्रष्टाचार ना हो. भ्रष्टाचार पर तकनीकि का इस्तेमाल करके या ईमानदार अफरों के माध्यम से. कानून तो भ्रष्टाचार के लिए पहले से ही है. सरकार को इस पर सुधार करके लगातार लगाम लगानी चाहिए.

जहां तक सांप्रदायिका का सवाल है तो मैं समझता हू कि भ्रष्टाचार और सांप्रदायिका का सवाल दोनों बराबर के हैं. भ्रष्टाचार ज्यादा होगा तो भी विकास नहीं होगा, खुशहाली नहीं आएगी. और अगर समाज के अंदर कौमिनल फोर्सिस भी ऐसे तनाव पैदा करेंगे तो भी जिस गति से विकास होना चाहिए नहीं होगा. मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार एक बड़ा मद्दा है पर उससे भी ज्यादा बड़ा सवाल जो है वो है सांप्रदायिकता.

आजम खान का विवादित बयान:
आजम खान साहब ने जो बात रखी है तो चुनाव आयोग ने तमाम पक्ष पर कार्रवाई भी की है और पाबंदी लगा दी है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है पाबंदी लगाने से पहले चुनाव आयोग को उनकी पूरी बात सुन लेनी चाहिए थी.

आजम खान साहब का पक्ष पूरी तरह से नहीं सुना गया. हम ये भी कहते हैं कि फौज का योगदान बड़ा है और देश की पूरी जनता फौज का सम्मान करती है. फौज के अंदर ना जाति है ना धर्म है. वह कठिन परिस्तिथियों में बॉर्डर पर रहकर हमारी रक्षा करती है. हमारी फौज दुनिया की सबसे कठिन परिस्तिथियों में काम करती है.

मैं समझता हूं कि आजम खान साहब ने नेताजी का हमेशा साथ दिया है और उनके प्रचार नहीं करने से पार्टी कार्यकर्ताओं में उनकी कमी खलेगी.

मोदी लहर नहीं प्रचार ज्यादा:
भारतीय जनता पार्टी का प्रचार ज्यादा है सच्चाई कम है मैंने बहुत पहले यह कहा था कि टीवी और अखबारों में तो हैं. लेकिन जब जनता तुलना करेगी कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वे कितना काम कर रही हैं वहां कितना विकास हुआ.

मैं ये दावा करता हू कि हमारी सरकार ने पिछले दो साल से जो काम किया है चाहे वो हमारी विद्याधर योजना हो, बेरोजगारी भत्ता हो, लैपटॉप योजना हो चाहे किसानों को खेतों में मुफ्त पानी दिया हो और बिजली में सुधार का काम किया है बहुत सी सरकारें ऐसा काम नहीं कर सकती.

गुजरात मॉडल :
उनका मॉडल बहुत खोखला है अगर उनका गुजरात मॉडल अच्छा होतो तो वे जनता के बीच में उसकी चर्चा करते. लेकिन वो चर्चा क्या कर रहे हैं, शेरों की चर्चा कर रहे हैं. अब सुनने में आया है कि वे सांड़ों की चर्चा कर रहे हैं. ये देश का चुनाव है कोई शेरों का चुनाव नहीं है और ना ही सांड़ों का चनाव है.

भाजपा पास मुद्दे कम हैं और प्रचार ज्यादा है जो उपलब्धियां समाजवादी पार्टी की हैं वे उनका मुकाबला नहीं कर सकते.

हमें एक समय पर यह भी लगा कि भाजपा लैपटॉप से अच्छी योजना ले आए, विद्याधन से भी अच्छी योजना ले आए या किसानों को सुविधा देने के लिए कोई अच्छी योजना ले आए, लेकिन उनके घोषणा पत्र में ऐसी कोई बात नहीं मिली.

उत्तर प्रदेश में 2012 के बाद यह चुनाव लोकसभा का हो रहा है और जनता ने प्रदेश में सपा को पांच साल के लिए समर्थन दिया है. हमारी परीक्षा पांच साल बाद होती. लेकिन हमें दो साल बाद ही हमें जनता के बीच में जाना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी ने दो साल में जो काम किए हैं और उत्तर प्रदेश में ठोस प्रगति के लिए काम किया है.

हमने बिजली के क्षेत्र में ठोस कदम उठाए हैं अगले वर्ष तक कुछ बिजली के कारखाने लगाए जाएंगे हमने बिजली के क्षेत्र में भी काफी काम किया है.

स्वास्थ्य विभाग पर जहां बहुत उंगली उठती थी, और भ्रष्टाचार के आरोप भी थे. सीबीआई जांच भी हुई, कई अधिकारी जेल भी गए. उसमें काफी सुधार हुआ है जनता को सीधे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए जांचे मुफ्त की गई, आज वहां दवाईया मुफ्त मिल रही है.  एक्सरे मुफ्त कर दिए. ऐम्बुलेंस मुफ्त कर दी. गरीबों के लिए हार्ट और किड़नी की बीमारियों के लिए गरीबों के लिए मुफ्त सुविधा दी जा रही है.

प्रदेश सरकार की बहुत उपलब्धियां हैं जनता 2012 के चुनाव में और इस चुनाव में तुलना करेगी तो मैं समझता हू कि हमारी बहुत मदद होगी. जनता हमारे अच्छे कामों को समझेगी और मदतान में समाजवादी पार्टी की मदद होगी.

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