ओपिनियन पोल के नाम पर न दिखाये एक्जिटपोल: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने सभी अखबारों और चैनलों को मतदान पूर्व सर्वेक्षण के नाम पर एक्जिट पोल मतदान के बाद सर्वेक्षण न दिखाने का निर्देश दिया है.
Election Commission |
गौरतलब है कि मंगलवार को जदयू ने चुनाव आयोग से इस बात की शिकायत की थी कि कई चैनल ओपिनियन पोल के नाम पर एक्जिट पोल दिखा रहे हैं.
आयोग के अवर सचिव राहुल शर्मा द्वारा बुधवार को जारी निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 7 अप्रैल से 12 मई के बीच कई चरणों में होने वाले चुनाव के बीच कई चैनलों ने 14 अप्रैल को तथाकथित ओपिनियन पोल दिखाए और उसे कुछ अखबारों ने भी प्रकाशित किया था.
आयोग ने कहा कि उक्त ओपिनियन पोल में 7 अप्रैल, 9 अप्रैल और 10 अप्रैल और 11 एवं 12 अप्रैल को हुए 111 लोकसभा सीटों के मतदान के बारे में निष्कर्ष बताया गया. जो एक तरह से उन निर्वाचन क्षेत्रों का एक्जिट पोल के समान है. इस ओपिनियन पोल में यह भी बताया गया कि किन-किन राजनीतिक दलों को कितनी सीटें मिलेंगी.
आयोग ने कहा कि कुछ चैनलों द्वारा इस तरह ओपिनियन पोल का दिखाया जाना और अखबारों द्वारा उन्हें प्रकाशित किया जाना जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 (ए) का उल्लंघन है जिसमें मतदान शुरू होने और खत्म होने के पहले एक्जिट पोल को दिखाना या प्रकाशित करना गैर कानूनी है.
आयोग ने उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को ओपिनियन पोल का दावा करते हुए इस तरह एक्जिट पोल नहीं
दिखाए.
जदयू के महासचिव के सी त्यागी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त बी एस संपत से मिलकर चैनलों पर दिखाए जा रहे इस तरह के ओपिनियन पोल को रोकने की मांग की थी.
आयोग ने पहले ही 12 मई तक किसी तरह का एक्जिट पोल न दिखाने का निर्देश दे रखा है.
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