नया भूमि अधिग्रहण कानून 1 जनवरी से लागू, लिया 110 साल पुराने कानून का स्थान
किसानों को उचित और निष्पक्ष मुआवजा देने से संबंधित नया भूमि अधिग्रहण कानून एक जनवरी से लागू हो जाएगा.
नया भूमि अधिग्रहण कानून 1 जनवरी से लागू (फाइल फोटो) |
महत्वपूर्ण परियोजनाओं के नाम पर किसानों से उनकी उपजाऊ भूमि का जबरन अधिग्रहण करना अब राज्य सरकारों के लिए संभव नहीं हो सकेगा.
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कानून ने 110 साल पुराने कानून का स्थान लिया है और उसके नियमों को कानून मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है.
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून की संरचना का काम पूरा हो गया है. कानून मंत्रालय ने भी अधिनियम के कायदे-कानून पर अपनी मुहर लगा दी है. नए वर्ष से इसे अधिसूचित कर दिया जाएगा ताकि किसानों को नए कानून का लाभ मिल सके.
रमेश का कहना है कि केंद्र सरकार ने दो वर्ष के अल्प समय में ही सौ वर्ष से ज्यादा पुराने भूमि अधिग्रहण कानून को नया रुप देने में सफलता प्राप्त की है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नए भूमि अधिग्रहण कानून के मसौदे को 5 सितंबर 2011 को संसद में पेश किया था. जिसे 5 सितंबर 2013 को संसद की मंजूरी मिल गई थी. 27 सितंबर 2013 को इस पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी थी.
नए कानून में सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि यह पांच वर्ष पुराने मामलों पर भी प्रभावी होगा लेकिन इसका लाभ उन्हीं किसानों को मिल सकेगा जिन्होंने अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा नहीं लिया है. लिहाजा नए कानून को लेकर भट्टा-पारसौल के किसानों में असंतोष है.
नए कानून से किसानों को बाजार दर की चार गुना ऊंची कीमत मिलेगी ही, साथ ही मुआवजा और उस पर आश्रितों को भी इसका लाभ मिल सकेगा.
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