चुनावी समर में कम महिलाओं को मिली जीत
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहद कम महिला उम्मीदवार ही चुनाव जीत सकी हैं.
वसुंधरा राजे सिंधिया (फाइल) |
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव का नतीजा घोषित किया गया जिसमें से तीन राज्यों में महिला विधायकों की संख्या दहाई के आंकड़े तक भी पहुंच नहीं सकी.
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 69 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, लेकिन सिर्फ तीन चुनाव जीत सकीं.
दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों महिला उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीती हैं. साथ ही इन सबने पहली बार चुनाव लड़ा था.
इन विजेता महिला उम्मीदवारों के नाम हैं राखी बिड़ला, बंदना कुमारी और वीणा आनंद. वहीं, पार्टी प्रवक्ता शाजिया इल्मी महज 326 मतों के अंतर से हार गई.
सबसे बड़ा उलट-फेर तब हुआ जब तीन बार से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपना सीट नहीं बचा सकीं उन्हें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 25 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया.
मध्य प्रदेश में 25 से अधिक महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव में तकरीबन 100 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सात-सात महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की हैं. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए कुल 103 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार वसुंधरा राजे सिंधिया तकरीबन 61000 मतों से विजयी हुईं.
उन्होंने अपनी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई. राजस्थान में चुनाव जीतने वाली सात में से छह महिला उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर जीती हैं.
वहीं, मध्य प्रदेश में भी ज्यादातर महिलाएं भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी चुनाव जीती हैं.
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