भारत से अधिक आतंकवाद का सामना कर रहा है पाक
पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार कहा कि पाकिस्तान भारत की तुलना में आतंकवाद की चुनौती का अधिक सामना कर रहा है.
पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार दिल्ली में 'एजेंडा आज तक 2013' के सम्मेलन में. |
पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की प्रक्रिया बहाल करने की जोरदार वकालत करते हुए बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत के बोझ को पीछे छोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह जमात-उद-दावा प्रमुख और 26 नवम्बर के हमले के मुख्य सरगना हाफिज सईद के विचारों से असहमत हैं.
खार ने कहा कि मुंबई हमला मामले की जांच में भारत को ऐसे सबूत पेश करना चाहिए जो अदालत में ‘टिक’ सकें. जब खार से हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत की तुलना में आतंकवाद की चुनौती का अधिक सामना कर रहा है.
खार ने कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों ने युवाओं के मन में एक-दूसरे के प्रति नफरत पैदा की है. हमें ऐतिहासिक गलतियों का शिकार नहीं होना चाहिए.., ऐतिहासिक बोझ से फैसला नहीं करें.., भारत और पाकिस्तान के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए धैर्य और गंभीरता की जरूरत है.
खार ने यहां ‘एजेंडा आजतक’ कार्यक्रम में कहा कि अगर आप अतीत को भविष्य को तय करने की अनुमति देते हैं तो यह कठिन हो जाता है. उन्होंने एक भारतीय नौकरशाह के पूर्व में दिए गए बयान को उद्धृत करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच निर्बाध बातचीत जारी रहनी चाहिए.
खार ने कहा कि हाफिज सईद को पाकिस्तान में दो बार हिरासत में रखा गया. आप हमें (26 नवम्बर हमला मामले में) ऐसे सबूत दें जो अदालत में टिक सकें...और मैं यह भी कहूंगी कि मैं हाफिज सईद से असहमत हूं. उनकी राय पाकिस्तान के लिए अच्छी नहीं है और मैं पूरी ईमानदारी से विश्वास करती हूं कि इस मामले को हल करना पाकिस्तान के हित में होगा.
खार से 26 नवम्बर के हमले में शामिल आतंकवादियों के आकाओं के आवाज के नमूने देने की भारत की मांग और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के संस्थापक के बारे में उनकी राय के बारे में सवाल पूछा गया था.
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