याद है मलखान सिंह भाजपा का कर रहे हैं चुनाव प्रचार

Last Updated 20 Apr 2014 06:17:41 AM IST

याद है मलखान सिंह. छह फुट लम्बा कद, लंबे उलझे बाल, ढाढ़ी और बड़ी-बड़ी मूंछें, रोबीली आवाज और उससे पचास-पचास कोस तक डरते हुए लोग.


याद है मलखान सिंह भाजपा का कर रहे हैं चुनाव प्रचार

यही थे 30 साल पहले के मलखान सिंह, जिन्हें सरकार और पुलिस डाकू कहती थी, पर वह खुद को बागी कहते थे. उन्होंने 30 साल पहले आत्मसमर्पण किया और सामान्य जीवन शुरू किया. हालांकि इस जीवन में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा पर वह डिगे नहीं. लोगों में उनकी स्वीकारिता बढ़ी. आज वह उसी चम्बल (मप्र) क्षेत्र में अपने कुछ सहयोगियों के साथ भारतीय जनता पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, जहां कभी उनके आतंक का राज था.

क्षेत्र के लोग भी उनको डाकू नहीं बागी मानते हैं, पहले वे डरकर उनकी बात मानते थे, आज सम्मान देते हुए उनकी बात मानते हैं. मलखान सिंह के अनुसार उन्होंने कभी गरीबों को नहीं लूटा. भिंड-मुरैना के लोग जानते हैं कि जो न्याय कोई सरकार नहीं दे सकी वो मैंने दिया, भले ही बंदूक से दिया. मलखान सिंह ने 1972 में बंदूक उठायी थी. भिंड के बिलाव गांव में उनकी जमीन थी. जिसे छीन लिया गया था. अगले 10 साल उनकी बदनामी के थे. उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सौ से ज्यादा मामले उनके खिलाफ दर्ज किये गए थे.

पर चंबल के 5000 पुलिसकर्मी उन्हें खोज नहीं पाते थे. उन्होंने 1982 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन सिंह के सामने समर्पण किया था. अब वह ग्वालियर में अपने बेटों और पोतों के साथ रह रहे हैं. पर उन पर कुछ बंदिशें लगी हैं. इसलिए वह अपनी वह बंदूक नहीं दिखाते जो उस दौर में वह इस्तेमाल करते थे. मलखान सिंह आये दिन हो रहे बलात्कारों को लेकर बहुत परेशान हैं. उनका कहना है कि उस दौर में किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि बहन बेटियों की ओर आंख उठाकर देखे. क्योंकि अपमान का बदला वहीं ले लिया जाता था.

मलखान सिंह पहले कांग्रेस का समर्थन करते थे. पर उनके अनुसार गत 10 वर्षो में कांग्रेस कमजोर हुई है. दूसरा देश हमारे सैनिकों के सिर काटकर ले जाता है और सरकार कुछ नहीं कर पाती है. अगर हम अन्याय का जवाब नहीं दे पाते तो हमारी बंदूकों की क्या उपयोगिता है. अब हमें नरेंद्र मोदी से उम्मीद है जो मजबूत और ताकतवर हैं. हालांकि अब बागी नहीं है. पर जितने भी पूर्व बागी हैं, भाजपा सरकार इंसानियत के नाते उनकी सुविधाओं का ख्याल रखती है.


पिछले 15-20 दिन से मलखान सिंह भिंड और ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों में प्रचार कर रहे हैं. यह पूरा वन क्षेत्र है. और वह चूंकि यहां रह चुके हैं इसलिए यहां के रास्तों को जानते हैं. यहां के लोग उन्हें जानते हैं इसलिए उनकी बात ध्यान से सुनते हैं.

मलखान सिंह लोगों से कहते हैं कि अगर भाजपा की सरकार आएगी तो एक भी गाय का वध नहीं किया जाएगा. वह फोन करके लोगों से कहते हैं वोट कमल को ही जाना है, आसपास के गांवों में भी बता दो कि यह मलखान सिंह का कहना है. भिंड और ग्वालियर में तो भाजपा ही जीतेगी. मलखान सिंह भाजपा का प्रचार स्वयं ही कर रहे हैं, पार्टी ने उनसे ऐसा करने का आग्रह नहीं किया है. यानि वह पार्टी के अधिकृत प्रचारक नहीं हैं.



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