प्रकृति से प्यार है तो जाएं कुन्नूर

Last Updated 21 Aug 2012 02:51:54 PM IST

आपको हरी-भरी वादियां आकर्षित करती हैं और प्रकृति से प्यार है तो कुन्नूर से बेहतर कोर्इ और जगह नहीं, जहां सुकून से कुछ पल बिता सकें.


कुन्नूर की हरी-भरी वादियां

'स्मॉल टी गार्डन’ कहा जाने वाला हिल स्टेशन कुन्नूर तमिलनाडु में पड़ता है, जो नीलगिरि जिले की नगरपालिका भी है. नीलगिरि चाय के उत्पादन के लिए भी काफी मशहूर है. कुन्नूर समुद्र तल से 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और नीलगिरि पहाड़ियों पर स्थित दूसरा सबसे बड़ा हिल स्टेशन है.

चाय  व्यापार

यहां की स्थानीय आबादी लगभग पूरी तरह से चाय के व्यापार पर निर्भर है. कुन्नूर, मेट्टूपलयम 28 किमी और ऊटी के बीच मीटर गेज रेलवे लाइन पर स्थित है. यहां के मुख्य आकर्षणों में सिम्स पार्क का नाम सबसे पहले आता है.

यदि आपको हरी-भरी वादियां आकिर्षत करती हैं और प्रकृति से प्यार है तो इससे बेहतर कोई और जगह नहीं, जहां आप सुकून और शांति से कुछ पल व्यतीत कर सकें.

कुन्नूर से बाहर निकलने के लिए ट्रैकिंग ट्रेल्स भी हैं. यह लोकप्रिय ट्रैकिंग ट्रेल पर्यटकों को लैम्ब्स रॉक तक ले जाता है, जो कुन्नूर से 9 किमी दूर है.

चाय- कॉफी बागानों नजारा

लैम्ब्स रॉक कोयम्बटूर के मैदानों के ऊपर से चाय और कॉफी के बागानों का शानदार नजारा पेश करता है. यहीं से थोड़ा आगे जाकर लेडी कैनिंग की सीट है, जहां से नीलगिरि का भव्य नजारा दिखाई देता है.

आप चाहें तो लेडी कैनिंग की सीट से डॉल्फिन सीट तक ट्रैक कर सकते हैं, जो कुन्नूर से 12 किमी दूर है. पास ही लॉज फॉल्स है, जो कुन्नूर से 5 किमी दूर है.

फॉल्स से दरुग तक ट्रैक करना संभव है, जो कुन्नूर से 13 किमी की दूरी पर स्थित है.

यहां आपको कई अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों जैसे बाज, उल्लू और गिद्ध के अलावा गाने वाली चिड़ियां जैसे बुलबुल, कुकु, रॉबिन्स, लार्क आदि अपनी सुरीली आवाज में तरह-तरह की आवाज निकालती दिख जाएंगी, जो आपके लिए बिल्कुल अद्भुत रोमांच का अहसास कराएगा.

मुख्य आकर्षण

सिमका पार्क: यदि आप प्राकृतिक खूबसूरती देखना चाहते हैं तो 1874 में निर्मित इस पार्क का नाम मद्रास क्लब के सचिव जे. डी. सिम के नाम पर रखा गया है. 12 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस उद्यान में पौधों की 1,000 से भी अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें मैग्नोलिया, पाइंस, पेड़ फर्न और कैमेलिया भी शामिल हैं.

वनस्पति उद्यान को आंशिक रूप से जापानी शैली में विकसित किया गया है. पार्क का मुख्य आकर्षण मई में आयोजित होने वाली वाषिर्क फलों और सब्जियों की प्रदर्शनी है. यह ऊटी के दक्षिण में लगभग 19 किमी दूर है. यहां गर्मियों में हर साल ‘फलों के मेले’ का भी आयोजन होता है.

पोमोलॉजिकल (फल कृषि-विज्ञान) स्टेशन:

यह संस्थान तेंदू, अनार और खुबानी के लिए राज्य कृषि विभाग का अनुसंधान केन्द्र है.

डॉल्फिन्स नोज-व्यू-प्वाइंट: यह 10 किमी की दूरी पर है. यह नीलगिरि पहाड़ियों के साथ कैथरीन फॉल्स का भी विहंगम दृश्य दिखाने में मदद करता है.

लैम्ब्स रॉक: डॉल्फिन नोज के रास्ते में कुन्नूर से साढ़े पांच किमी दूर सुंदर नजारे तथा चाय और कॉफी के बागानों को देखने का एक और सुविधाजनक स्थान लैम्ब्स रॉक है.

दरुग: कुन्नूर से 13 किमी दूर स्थित दरुग किला है, जिसके अवशेष ही दिखते हैं. कहा जाता है कि टीपू सुल्तान ने 16वीं शताब्दी में कभी इस किले का इस्तेमाल किया था.

लॉज फॉल्स: यह खूबसूरत झरना है, जो कुन्नूर से 5 किमी दूर मेट्टूपलयम के रास्ते में पड़ता है.

कटारी फॉल्स: यहां से बिजली आपूर्ति होती है.

ऊटी: कुन्नूर जाएं तो ऊटी देखे बिना न आएं. यह हिल स्टेशनों की रानी है. यह 19 किमी की दूरी पर है. कई आकर्षक जगहें हैं, जिसे देखने से यात्रा सफल हो जाएगी.

कैसे जाएं-

हवाई मार्ग- नजदीकी हवाई अड्डा पीलैमदेवू (कोयम्बटूर) है, जो 70 किमी दूर स्थित है. बेंगलुरू एयरपोर्ट कुन्नूर से 310 किमी दूर है और टैक्सी से कुन्नूर पहुंचने में 10 घंटे का समय लगता है.

रेल मार्ग- नीलगिरि माउंटेन रेलवे सर्विस द्वारा ऊटी और मेट्टुपलयम के बीच ट्रेनें संचालित हैं. यह सभी ट्रेनें कुन्नूर में भी रुकती हैं. मुख्य बड़ी लाइन वाली रेलवे स्टेशन कोयम्बटूर जंक्शन है.

बस मार्ग-
कोयम्बटूर, ऊटी और तमिलनाडु के अन्य शहरों से कुन्नूर के लिए बसें चलती हैं. आप चाहें तो ऊटी से कुन्नूर प्राइवेट टैक्सी हायर भी कर जा सकते हैं.


 



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