गुजरात का खूबसूरत हिल स्टेशन है सापुतारा

Last Updated 04 Jun 2012 05:08:44 PM IST

डांग के सहयाद्रि पहाड़ी पर स्थित सापुतारा गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन है. यहां का मौसम वर्षभर सुहावना रहता है.


सापुतारा का मौसम वर्षभर सुहावना रहता है

सापुतारा में ज्यादातर भील और जनजातीय समुदाय की आबादी रहती है. यहां जुलाई से एक महीने तक चलने वाला मानसून उत्सव मनाया जाता है.

यह ऐसा हिल स्टेशन है जो देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है. महाराष्ट्र की सीमा से केवल एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित सापुतारा में नासिक जाने वाले पर्यटक और शिरडी में साई बाबा के दर्शन करने के लिए जाने वाले श्रद्धालु भी आसानी से पहुंच सकते हैं क्योंकि यह नासिक से मात्र 77 किमी, तो शिरडी से केवल 170 किमी दूरी पर स्थित है.

कब जाएं:-

सापुतारा का मौसम वर्षभर सुहावना रहता है. यहां गर्मियों में तापमान 28 डिग्री से. तक रहता है इसलिए गर्मियों के लिए यह आदर्श स्थल है. हालांकि आप सापुतारा में वर्ष में कभी भी जा सकते हैं लेकिन मार्च से नवम्बर के बीच का मौसम बेहतर माना जाता है.

सापुतारा का इतिहास सापुतारा का अर्थ ‘सांपों का घर’ होता है. यहां के जंगलों में तरह-तरह के सांप पाये जाते हैं. यहां सर्पगंगा नदी के किनारे बने सांप की आकृति की पूजा यहां के स्थानीय आदिवासियों द्वारा की जाती है. यह पूजा होली के मौके पर और भी खास हो जाती है.

सापुतारा के आदिवासी पर्यटकों को अपने अनोखे नृत्य के लिए भी आकर्षित करते हैं. सापुतारा का विकास सुनियोजित ढंग से हिल रिसॉर्ट के रूप में सभी आधारभूत आवश्यकताओं जैसे होटल्स, थियेटर्स, बोट क्लब, पार्क, गार्डन और म्यूजियम आदि को ध्यान में रख कर किया गया है.

क्या देखें:-

इस हिल रिसॉर्ट का मुख्य आकर्षण सापुतारा लेक है. यहां पर बोट क्लब भी स्थित है जहां से आप सेलबोट्स, पैडलबोट्स और रोइंग बोट्स को किराये पर लेकर लेक में बोटिंग का मजा ले सकते हैं. यहां का सनराइज और सनसेट प्वाइंट सूरज का विहंगम दृश्य प्रस्तुत करता है.

यहां से आपको सापुतारा का परफेक्ट व्यू भी दिखेगा. वघई की दिशा में बढ़ते वक्त डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद आप मालेगांव पहुंचेंगे. यहां पर सापुतारा के कई गार्डेन्स जैसे लेक गार्डन, स्टेप गार्डन और रोज गार्डन देखने को मिलेंगे. ये सभी गार्डन्स आपकी छुट्टियों को यादगार बनाने में सहयोग देंगे.

नागेर महादेव मंदिर

यहां के नागेर महादेव मंदिर में भगवान शंकर की मूर्ति है. यहां की धार्मिक मान्यता के चलते सैकड़ों लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. सापुतारा का म्यूजियम भी बहुत उपयोगी है. म्यूजियम में यहां के आदिवासियों के इतिहास और उनके बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है.


आदिवासी आभूषण और वाद्य यंत्र भी यहां देखने को मिलते हैं. यहां से 52 किमी. की दूरी पर गिरा वाटरफॉल स्थित है. पिकनिक के लिए यह आदर्श स्थल है. वन्सदा नेशनल पार्क भी सैलानियों को अपनी ओर आकषिर्त करता है. वास्तव में, यह वन्सदा के महाराज का प्राइवेट फॉरेस्ट है जो 24 वर्ग किमी. में बना है.

यहां शेर, चीते, अजगर, पैंगोलिन, स्पॉटेड कैट्स और बड़े आकार की गिलहरियां देखने को मिलती हैं. इस पार्क में जाने से पहले गांधीनगर के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डेन या डीएफओ से इजाजत लेनी पड़ती है.

गुजरात के पश्चिमी घाट के सघन और धुंध से घिरी पर्णपाती जंगल पूर्णा सेंचुरी भी यहां का हिस्सा है. यह लगभग 160 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है और महल में स्थित है. जो डांग से 60 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. यहां ट्रैकर्स के लिए बैम्बू लाइन्ड पाथवेज बने हैं. इस पार्क में जाने के लिए पहले से अनुमति लेनी पड़ती है.

कैसे पहुंचें वायु मार्ग:-

नजदीकी मुंबई एयरपोर्ट है.

यहां से सापु तारा के लिए कुछ फ्लाइट्स मौजूद हैं.

रेल मार्ग:-

यहां का नजदीकी रे लवे स्टेशन वघई है.

सड़क मार्ग:-

सापुतारा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. इसलिए राज्य परिवहन निगम की बसों के साथ ही प्राइवेट लक्जरी कोच बस से भी आसानी से पहुंच सकते हैं.
 



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