पर्यटकों को आकर्षित करती हैं बिहार की ऐतिहासिक धरोहरें
बिहार का मतलब है भ्रमण करना. यहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, किले-मकबरे और हजारों ऐतिहासिक स्थल हैं.
महाभारतकाल में राजगृह तीर्थस्थान के रूप में माना जाता था |
बिहार यानी विहार, जिसका तात्पर्य है भ्रमण करना. अगर देखा जाए तो बिहार पर्यटन की दृष्टि से खासा महत्वपूर्ण है. मंदिर, मस्जिद, किले-मकबरे और हजारों ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जो यहां के गौरवशाली अतीत की कहानी बयां करते हैं.
यूनानी इतिहासकार और चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में राजदूत मेगास्थनीज ने (350 ईपू-290 ईपू) अपनी पुस्तक इंडिका में इस प्रांत के वैभव का उल्लेख किया है. भारत की यात्रा पर आने वाले अन्य विदेशी यात्रियों ने भी बिहार की प्रशंसा की है.
मेगास्थनीज ने अपनी किताब में मगध की राजधानी पाटलिपुत्र की तुलना करते हुए कहा कि पाटलिपुत्र के समक्ष रोम और एथेंस की हैसियत आधे से भी कम है.
अतीत में यह सत्ता, धर्म और शिक्षा का केंद्र रहा है. आज भी इनके अवशेष इस प्रांत के गौरवशाली अतीत को बयां करते हैं.
यहां के प्राचीन और मध्यकालीन इमारतें पर्यटकों को ईसा पूर्व और बाद के दो हजार वर्षों के इतिहास से अवगत कराता है. यहां कुम्हरार परिसर, अगमकुआं, महेन्द्रूघाट, शेरशाह के बनवाए किले के अवशेष मौजूद हैं.
प्रमुख पर्यटन स्थानों में, बोधगया (बौद्ध र्तीथ स्थान), गया (हिन्दुओं का पवित्र तीर्थ स्थान), नालन्दा (बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष), वैशाली (ईसा पूर्व छठी शताब्दी) विश्व का सबसे पुराना गणराज्य, पावापुरी (भगवान महावीर का निर्वाण स्थल), भीमबन्ध (गर्म पानी के चश्मे), मनार (सूफी संत हजरत मख्दूम शाह की दरगाह), विक्रमशिला (एक अन्य बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष), तोपची (पर्यटन स्थल), पटना (पाटलिपुत्र का प्राचीन शहर) और सासाराम (शेरशाह सूरी का मकबरा), अंग प्रदेश मुंगेर का किला प्रमुख हैं.
ब्रिटिश कालीन भवनों में जालान म्यूजियम, गोलघर, पटना संग्रहालय, विधान सभा भवन, हाईकोर्ट भवन, सदाकत आश्रम प्रमुख हैं.
धार्मिक स्थलों में पादरी की हवेली, हरमंदिर गुरुद्वारा, बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी, महावीर मंदिर, शेरशाह की मस्जिद, बेगू ह्ज्जाम की मस्जिद, पत्थर की मस्जिद, जामा मस्जिद, फुलवारी शरीफ में बड़ी खानकाह और मनेरशरीफ (सूफी संत हज़रत याहया खाँ मनेरी की दरगाह) प्रमुख है.
ज्ञान-विज्ञान के केंद्र में पटना विश्वविद्यालय, खुदाबक़्श लाइब्रेरी, सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी, संजय गांधी जैविक उद्यान, श्रीकृष्ण सिन्हा विज्ञान केंद्र, इन्दिरा गांधी ताराघर और विज्ञान परिसर मशहूर है.
इसके अतिरिक्त मुंगेर का सीता कुंड और भीम खंड, औरंगाबाद का सूर्य मंदिर, पिकनिक स्पॉट कालोलत, श्री श्रेष्टि सुदर्शन मंदिर, कमलदहजी सिद्ध क्षेत्र गुलजार बाग पर्यटन की दृष्टि से अहम है.
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