पर्यटकों को लुभाता केरल का खूबसूरत बेकल किला

Last Updated 11 May 2012 05:30:31 PM IST

केरल में प्राकृतिक सुषमा से भरपूर समुद्री तट, कोवलम और पर्वतीय पर्यटक स्थल ही नहीं बल्कि बेकल किला जैसी खूबसूरत धरोहर भी है.


प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर केरल को देवों की भूमि कहा जाता है. इसके एक किनारे पर दक्षिणी घाट के घने जंगल हैं, तो दूसरे किनारे पर लहराता अरब सागर.

इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए बेकल के किले को और समृद्ध किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा देसी-विदेशी पर्यटक यहां आ सकें.

दो द्वीपों के बीच में स्थित बेकल का किला प्राकृतिक सुषमा से भरपूर और लंबे सुंदर नारियल के पेड़ों से घिरा है. केरल में यह सबसे बड़ा और संरक्षित किला है.

इसका निर्माण पुर्तगालियों ने 1640 में कराया था. यह किला 40 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह किला विजयनगर साम्राज्य, टीपू सुल्तान और अंग्रेजी हुकूमत के अधीन रह चुका है.

बेकल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-17 पर स्थित है. यह उत्तरी केरल में कासरगोड़ से 10 किलोमीटर दूर है.

बेकल से नजदीकी रेलवे स्टेशन आठ किलोमीटर की दूरी पर है और सबसे नजदीक का हवाईअड्डा कर्नाटक के मंगलोर में है, जो 70 किलोमीटर की दूरी पर है.

बेकल और इसके आसपास कई और आकर्षक केंद्र मौजूद हैं. बेकल किला के अलावा यहां होसदुर्ग और चद्रगिरि हैं.

यहां आकर्षक समुद्र तट, अप्रवाही जल और पहाड़ी केंद्र तथा प्राचीन मंदिर सहित अन्य आकर्षण मौजूद हैं.

केरल सरकार इसे और संमृद्ध करने की कोशिश रही है. बेकल को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने के अभियान 'नो बेकल' (बेकल को जानिए) की शुरुआत की गई है.

जिसके तहत बेकल पर्यटन केंद्र 260 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा. इसके तहत पहाड़ी स्थल, अप्रवाही जल और चिथिड़ा नदी पर तैरते हाउस बोट भी होंगे.






 



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