एम्स में चिकनगुनिया के 885 लोगों के रक्त नमूने पॉजिटिव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली चिकिनगुनिया की चपेट में है. एम्स में पिछले दो महीने में चिकनगुनिया के लगभग 890 मामले सामने आए हैं.
चिकनगुनिया का मच्छर |
इससे पता चलता है कि वेक्टर जनित इस रोग ने किस प्रकार राजधानी को अपनी चपेट में लिया है.
लोग अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. राजधानी के कई अस्पतालों में चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.
सफदरजंग अस्पताल में इस मौसम में मलेरिया से एक और डेंगू से तीन लोगों की जान जा चुकी है. इन मामलों में और वृद्धि की संभावना है, क्योंकि वेक्टर जनित बीमारियों का अमूमन सितम्बर में तेजी से प्रसार होता है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के ललित दार के मुताबिक पिछले दो माह में एम्स की प्रयोगशालाओं में अब तक 885 लोगों की चिकनगुनिया जांच पॉजिटिव पाई गई है.
मामले बढ़ रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. देशभर में इस वैक्टरजनित रोग के प्रसार के साथ लगभग दस वर्ष के अंतराल के बाद दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य इलाकों में चिकनगुनिया के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है.
इसके अलावा राजधानी डेंगू से भी जंग लड़ी रही है, जिसके चलते अब तक दिल्ली में नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
इस मौसम में मलेरिया से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है.
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्साधीक्षक एके राय के मुताबिक इस वर्ष छह सितम्बर तक हमारे अस्पताल में चिकनगुनिया के 480 और डेंगू के 316 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
इस माह ऐसे मामलों में और वृद्धि होने की संभावना है. हालांकि नगर निगमों के तीन सितम्बर के आंकड़ों के मुताबिक शहर में अब तक चिकनगुनिया के महज 560 मामलों की पुष्टि हुई है.
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