मधुमक्खी के डंक से गठिया का इलाज
गठिया के रोगियों के लिए मधुमक्खी का डंक मददगार हो सकता है। एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि मधुमक्खी के डंक में मौजूद विष से केवल गठिया का इलाज ही नहीं हो सकता बल्कि इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है।
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ब्राजील के साओ पाओलो विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं के एक दल ने पाया कि मधुमक्खी में मौजूद विष हड्डियों के जोड़ों में होने वाली नुकसानदेह सूजन को नियंत्रित कर सकता है। इस सूजन के चलते ही गठिया होता है। विष में ऐसे अणु होते हैं जो शरीर में सामान्य हार्मोनों की मात्रा बढ़ाते हैं, ये हार्मोन सूजन को नियंत्रित करते हैं।
विशेषज्ञों का विश्वास है कि गठिया के दर्द से राहत दिलाने और इस बीमारी को होने से रोकने के लिए नए इलाज विकसित करने में मधुमक्खी के जहर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
मुख्य अध्ययनकर्ता सुजाना बीट्रिज वेरीसिमो डी मेलो का कहना है कि मधुमक्खी का जहर सूजन रोकने वाले हार्मोनों (ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स) की मात्रा बढ़ा देता है।
मधुमक्खी का विष मानव में प्रतिरोधकता और एलर्जी प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने वाले तत्वों का एक जटिल मिश्रण होता है।
सदियों से गठिया के इलाज में मधुमक्खी के विष का इस्तेमाल किया जाता रहा है। मेलो ने कहा कि हमारे आंकड़े बताते हैं कि मधुमक्खी का जहर ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स की क्रिया द्वारा खरगोश में गठिया होने से रोकता है।
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