विश्व के पहले कृत्रिम हृदय का सफल प्रत्यारोपण
पेरिस में विश्व के पहले कृत्रिम हृदय का प्रत्यारोपण हुआ है.
विश्व के पहले कृत्रिम हृदय का सफल प्रत्यारोपण (फाइल फोटो) |
यह हृदय कम से कम पांच वर्ष तक धड़क कर सकता है. बायोमेडिकल फर्म कारमैट ने कृत्रिम हृदय का डिजाइन तैयार किया, जबकि इसे डच स्थित यूरोपीयन एयरोनाटिक डिफेंस और स्पेस कंपनी ने बनाया है.
फर्म कारमैट का कहना है कि वह भारतीय, चीनी और महिलाओं के मरीजों के लिए छोटा कृत्रिम हृदय भी विकसित कर सकता है. पेरिस स्थित जार्जिस पाम्पिडो अस्पताल में बुधवार को एक 75 वर्षीय पुरुष को कृत्रिम हृदय प्रत्यारोपित किया गया लेकिन इसकी घोषणा शनिवार को हुई. बायोमेडिकल फर्म कारमैट के प्रमुख मारसिलो कौनविटि के अनुसार हम कृत्रिम हृदय के पहले इस प्रत्यारोपण से खुश हैं.
लेकिन पहले प्रत्यारोपण के आपरेशन के बाद का शुरुआती चरण ही गुजरा है और अभी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी. सर्जन एलेन कारपेंटियर ने कहा कि यह प्रत्यारोपण हृदय मरीजों को आम लोगों की तरह जीवन जीने की दिशा में कदम है.
ऐसे मरीजों को अब दवाई पर कम आश्रित रहना पड़ेगा. इस कृत्रिम हृदय के कार्य करने के ढंग पर करीब से नजर रखी जा रही है. हृदय की अपेक्षा कृत्रिम हृदय का वजन तीन गुना अधिक है.
कृत्रिम हृदय का वजन एक किलो से थोड़ा कम है. यह लीथियम इयोन बैटरी से चालित है. यह शरीर के अंदर ही प्रत्यारोपित कर दी जाती है. इस कृत्रिम हृदय को मवेशियों के टिशू से बनाया गया है.
इसमें प्लास्टिक सहित अन्य सिंथेटिक तत्वों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसके चलते हृदय में थक्का जमने की आशंका कम हो जाती है. कृत्रिम हृदय का उत्पादन बड़े स्तर पर होने की अवस्था में इसकी कीमत 1.5 लाख पौंड हो सकती है.
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस समाचार से फ्रांस का नाम कहीं अधिक रोशन हुआ है. हमने यह दिखाया है कि हम स्वास्थ्य सेवाएं देने में अग्रणी हैं. आविष्कार कर सकते हैं और यह आविष्कार लोगों की जिंदगी में नई आशाएं लेकर आ सकता है.
इस आविष्कार से कई हृदय मरीजों की जान बचाई जा सकती है. फ्रांस के डाक्टर 2005 में विश्व में चेहरे का पहला प्रत्यारोपण भी कर चुके हैं.
पेरिस में 75 वर्षीय बुजुर्ग को कृत्रिम हृदय प्रत्यारोपित वजन एक किलो से थोड़ा कम, पांच साल तक धड़क सकता है भारत व महिला मरीजों के लिए छोटा कृत्रिम हृदय भी बन सकता है
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