Chhath Puja: छठमय हुआ पूरा माहौल, गूंजने लगे छठी मैया के गीत

Last Updated 19 Nov 2020 11:08:00 AM IST

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं‚ जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है।




महापर्व छठ को लेकर बिहार में चहल–पहल दिखने लगी है। लोग छठ पर्व के अनुष्ठान की तैयारी में जुट चुके हैं। सभी जगह छठ के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं‚ जिससे पूरा माहौल छठमय नजर आ रहा है।

राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में छठी माई के गीतों से सुवासित और गुलजार हो उठा है। शहर के मठ–मंदिरों में भी छठी माई के गीतों से सुबह की शुरुआत हो गई है। कहीं शारदा सिन्हा की आवाज रस बरसा रही है कि ‘मोर जिया जाएला महंगा मुंगेर' तो कहीं देवी के सुर कानों में पर्व की महिमा बखान कर रही है कि ‘कांच ही बांस के बहंगिया‚ बहंगी लचकत जाए'।

प्रत्येक साल की तरह इस साल भी अनेक भोजपुरी गायकों के नए–नए छठ गीत ऑनलाइन माध्यमों पर उपलब्ध हैं। छठ व्रत से जुड़े पुराने गीतों सहित नए गीतों को पसंद किया जा रहा है।

केलवा जे फरेला घवद से‚ ओह पर सुगा मेडराय‚ आदित लिहो मोर अरगिया.‚ दरस देखाव ए दीनानाथ.‚ उगी है सुरुजदेव‚ हे छठी मइया तोहर महिमा अपार‚ कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय.‚ आदि छठ गीतों का धमाल है। भक्ति गीतों से लोग भक्ति रस की गंगा में डुबकी लगाने लगे हैं। गीतों में आधुनिकता अवश्य आ गई है‚ लेकिन इन गीतों की लोकप्रियता में तनिक भी कमी नहीं आई है।

इस बार शारदा सिन्हा‚ देवी‚ मालिनी अवस्थी‚ कल्पना‚ मनोज तिवारी‚ पवन सिंह‚ छैला बिहारी‚ अजीत कुमार अकेला एवं अन्य प्रमुख गायकों द्वारा गाये छठ गीतों की ऑनलाइन ऐप और यूट्यूब चैनलों पर धूम है। शारदा सिन्हा के गाए छठ गीतों का क्रेज अब भी कायम है।

भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव‚ निरहुआ‚ गायिका देवी‚ पवन‚ अनु दुबे और अन्य गायकों के गाए गीतों की अच्छी मांग है। इस पावन पर्व के गीतों में भी इतनी आस्था है कि गीत बजते ही लोगों का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। श्रद्धालु पुराने गायकों के साथ–साथ नए गायकों को भी सुनना चाहते हैं। इस वर्ष कई नए–नए कलाकारों ने छठी माई के गीत भी उपलब्ध है‚ जिसकी लोगों में काफी मांग देखी जा रही है।

लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना के सभी प्रमुख चौक–चौराहों पर कानों में माटी की सोंधी खुशबू में लिपटे गीत बजने शुरू हो गये हैं। ‘मरबो रे सुगवा धनुष से‚ सुग्गा गिरे मुरुझाए' से लेकर ‘दरसन दीन्ही अपार हे छठ मइया दरसन दीन्ही अपार'। छठ गीतों के बिना मानो पर्व में रंग ही नहीं आता है॥।

 

वार्ता
पटना


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