कोरोना बचाव: आईआईटी बीएचयू ने बताई घर में सेनेटाइजर बनाने की विधि

Last Updated 18 Mar 2020 03:28:03 PM IST

कोराना वायरस को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है। वहीं, इससे बचने के लिए घर पर बनाएं हैंड सैनेटाइजर...


कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रयोग में लाए जा रहे सभी सेनेटाइजर के ओरिजिनल और डुप्लीकेट में अंतर को लेकर सशंकित हैं। बाजार में इसकी कालाबाजारी बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के आईआईटी ने घर पर ही सेनेटाइजर तैयार करने की विधि बताई है।

ऐसे में घर बैठे लोगों को भी कोरोना वायरस से निपटने की घरेलू तरकीब मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। बस इन्हें कुछ सामाजिक संगठनों और एनजीओ के सहयोग की दरकार है।

बीएचयू के बायो मेडिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मार्शल धयाल ने कहा कि करीब 100 एमएल सैनिटाइजर महज 50 रुपये में तैयार कर सकते हैं। इसको बनाने के लिए कोई बहुत बड़ा राकेट सांइस नहीं है। इसे घर बैठे भी बनाया जा सकता है। इसके लिए 99 प्रतिशत अल्कोहल, 30 प्रतिशत एलोविरा और सोडियम हाइड्राक्साइड के मिश्रण को लेकर मिक्सर में डालें और दो मिनट के बाद इसे छान लें और बेहतरीन सेनेटाइजर तैयार हो जाएगा।

यह है दूसरी विधि

उन्होंने बताया कि दूसरी विधि अल्कोहल की जगह आइसोप्रोपेनल को एलोविरा जेल में मिलाकर इसे आसानी से तैयार कर सकते हैं। यह बहुत ही आसान है। घर बैठा कोई भी व्यक्ति इसे तैयार कर सकता है यहां तक कि घरेलू महिलाएं भी।

क्यों मिलाना है एलोवेरा

इसमें एलोविरा इसलिए मिलाते हैं कि बार-बार हाथ सूखने पर रूखे हो जाते हैं। अगर एलोवेरा जेल पड़ा होगा तो नमी रहती है। वह त्वचा को रूखा नहीं होने देगा। ये सब चीजें घर में बन जाएंगी। दो से चार मिनट में बन जाता है।

जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का ले रहे सहारा

प्रोफेसर ने बताया कि जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। इसके वीडियो यू ट्यूब में डाल रहे हैं। फेसबुक में डाल रहे है। कुछ व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है।

गरीब बस्तियों में उपलब्ध कराने को डीएम को लिखा जाएगा पत्र

उन्होंने कहा कि गरीब बस्ती में इसे बांटने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे। हम उनसे कहेंगे कि अगर वह हमें कच्चा माल (रॉ मैटेरियल) उपलब्ध कराएं तो हम लोग इसे तैयार करके बनारस के गरीब बस्तियों में नि:शुल्क वितरण कर सकते हैं।

बीएचयू के बायो मेडिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ़ मार्शल धयाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कोरानावायरस के आड़ में कुछ लोगों ने सैनिटाइजर की कालाबाजारी शुरू कर दी है। कुछ लोग नकली भी बनाने लगे हैं। इसी को देखते हुए वह करीब दस लीटर सैनिटाइजर बनाकर परिसर में नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं। पहले अपने विभाग इसके अलावा निदेशकों को भी दे चुके हैं। कोरोनावायरस को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। जागरूक होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर एनजीओ और सामाजिक संस्थाएं हमारा सहयोग करें तो हमें इसे बहुत ज्यादा मात्रा में तैयार कर सकते हैं। इसके लिए संस्थाएं हमें रॉ मैटेरियल उपलब्ध करा दें तो हम लोग उन्हें 1000 लीटर तक सेनेटाइजर नि:शुल्क बनाकर दे सकते हैं। कालाबाजारी और फर्जी चीजों से बचा जा सकता है।

गौरतलब है कि उप्र में अब तक कुल 16 मरीजों में कोरोना वायरस पाया जा चुका है। आगरा के आठ मरीजों के अलावा नोएडा और लखनऊ में तीन-तीन, गाजियाबाद में दो मरीजों में कोरोनावायरस पाया जा चुका है। कोरोनावायरस से संक्रमित दो नए मरीज नोएडा में पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के प्रयास और तेज कर दिए गए हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद करते हुए दो अप्रैल तक सभी परीक्षाएं (सीबीएसई और आइसीएसई छोड़कर) भी स्थगित कर दी हैं। इस अवधि में जनता दर्शन, समाधान दिवस, तहसील दिवस और धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।

आईएएनएस
वाराणसी


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