भाई-बहन के स्‍नेह का पर्व ‘भाई दूज’ आज, ये है मान्‍यता

Last Updated 29 Oct 2019 12:34:56 PM IST

पांच दिनों तक चलने वाले महापर्व की विदाई भाई बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक भाई दूज को होती है।


इस पर्व में बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं।

भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन यमदेव की पूजा करने वालों को असमय मृत्यु का भय नहीं रहता. इस दिन बहन के घर भोजन करना बहुत शुभ माना जाता है। 

भैया दूज की तिथि और शुभ मुहूर्त
भैयादूज / यम द्वितीया की तिथि: 29 अक्‍टूबर 2019
भाई दूज अपराह्न समय: दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक

इस पर्व के पीछे कथा है कि भगवान सूर्य नारायण की पत्नी छाया के गर्भ से यमराज और यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। यमुना अपने भाई यमराज से बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।
    
यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सछ्वावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया।
    
यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।
   
यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करे, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने यह वरदान दिया कि जो भाई-बहन यम द्वितीया के एक साथ यमुना में स्नान करेंगे उन्हें कभी मृत्यु का डर नहीं सताएगा और उन्हें कभी भी यमलोक नहीं ले जाए आएंगे।

यमुना का नाम वेदपुराणों में आता है. ब्रम्हपुराण में तो इसे सृष्टि का आधार माना गया है. यमुना सहस्त्र नाम में तो यमुना जी के 1000 नाम बताए गए हैं।. यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्रभूषण देकर यमलोक की राह की।

इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी. ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता. इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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