रचनात्मक कार्यों के बदले चैटिंग, सोशल मीडिया और मूवी पर डाटा खर्च कर देते हैं भारतीय
भारत में स्मार्टफोन पर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोग रचनात्मक कार्यों के बदले डाटा ऑनलाइन चैटिंग, सोशल मीडिया, ऑनलाइन शॉपिंग और मूवी और संगीतों पर खर्च कर देते हैं.
फाइल फोटो |
केंद्र सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी कंपनी इंटेल के सहयोग से गाँवों में लोगों को इंटरनेट से जोड़कर सशक्त बनाने के लिए शुरू किये गये कार्यक्रम ‘एक कदम उन्नति की ओर’ की पहली वाषिर्क रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है.
इंटेल दक्षिण एशिया की उपाध्यक्ष देबजानी घोष ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, जब तक हम डाटा को रचनात्मक कायरें पर खर्च नहीं करेंगे प्रौद्योगिकी का फायदा अर्थव्यवस्था को नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि जो लोग मोबाइल के साथ पीसी पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वे इसका रचनात्मक या सकारात्मक लाभ ज्यादा उठाते हैं और इसलिए सरकार को मोबाइल के साथ पीसी को प्रोत्साहित करना चाहिये.
रिपोर्ट के अनुसार, मनोरंजन के लिए डाटा खपत में 61 प्रतिशत स्मार्टफोन/फैबलेट के जरिये, 29 प्रतिशत पीसी के जरिये तथा 10 प्रतिशत टैबलेट के जरिये किया जाता है. सोशल मीडिया में 63 फीसदी तथा संवाद साधनों जैसे ई-मेल आदि में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी स्मार्टफोन की है.
वहीं, शैक्षणिक उद्देश्यों में 54 प्रतिशत हिस्सेदारी पीसी की तथा महज 37 प्रतिशत स्मार्टफोन की है. कंप्यूटिंग में 47 प्रतिशत पीसी के जरिये तथा 43 प्रतिशत स्मार्टफोन/फैबलेट की मदद से होता है जबकि 10 प्रतिशत टैबलेट के जरिये किया जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर ऑनलाइन गतिविधियाँ महज उपलब्ध कंटेंट का इस्तेमाल करने वाली होती हैं. इनमें सोशल मीडिया, चैटिंग और शॉपिंग समेत मनोरंजन के प्लेटफॉर्म प्रमुख हैं. रचनात्मक तथा कौशल विकास एवं सशक्तिकरण वाले क्षेत्रों जैसे शिक्षा, रोजगार संबंधी सूचना, सरकारी योजनाओं तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच के लिए डाटा इस्तेमाल काफी सीमित है.
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