मोबाइल फोन, टेबलेट्स के अधिक इस्तेमाल से कैंसर भी!
मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से मानव को असलियत में बहुत ज्यादा खतरा हो सकता है.
मोबाइल फोन, टेबलेट्स के अधिक इस्तेमाल से कैंसर भी! (फाइल फोटो) |
शोधकर्ताओं के अनुसार रेडिएशन वाले उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, टेबलेट्स आदि से कैंसर, दिमागी बीमारियां, सिर दर्द, त्वचा रोग आदि हो सकते हैं.
पांच साल तक रोजाना 20 मिनट मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिमाग में कैंसर पनपने की आशंका तीन गुना बढ़ जाती है. यूक्रेन के द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के डा. इगोर याकियमैंको ने वायरलेस उपकरणों के कारण रेडियोफ्रीक्वेंसी के बढ़ते प्रभाव और कैंसर के बीच संबंधों पर अध्ययन किया.
शोध के अनुसार पांच साल तक रोजाना 20 मिनट मोबाइल का इस्तेमाल करने या चार साल तक रोजाना एक घंटे मोबाइल का प्रयोग करने से ‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस’ बढ़ जाता है. मोबाइल (वायरलेस उपकरण) के रेडिएशन के कारण ‘‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस’ बढ़ता है.
इसके चलते शरीर में असंतुलन बढ़ जाता है और शरीर का तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है. नतीजतन शरीर में कोशिकाएं (सेल्स) खराब होनी शुरू हो जाती हैं.
विशेषत्रों के अनुसार, ‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस’ के कारण शरीर के बुढ़ापे से लड़ने की क्षमता पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है. शोध के अनुसार मोबाइल का बच्चों पर अधिक नकारात्मक असर पड़ता है. इसका कारण यह है कि बच्चों के सेल्स अधिक सेंसटिव होते हैं.
लिहाजा शोधकर्ताओं ने मोबाइल के इस्तेमाल के दौरान ‘‘हैंडस फ्री’ के इस्तेमाल पर जोर दिया. विकसित देशों में बीते 15 सालों से मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है. भारत सहित अन्य कई देशों में भी मोबाइल का प्रयोग बढ़ रहा है लेकिन कई देशों में मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग पर यथोचित प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं.
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