उंगलियां चटकाने से हो सकता है गठिया

Last Updated 24 Jun 2015 02:22:53 PM IST

अगर आप भी गाहे-बगाहे हाथ या पैर की उंगलियां चटकाने की आदत के शिकार हैं तो हो जाइए सावधान. यह आदत आपको को गठिया का रोग दे सकता है.


उंगलियां चटकाने की आदत

खाली समय की ये आदत आपको गठिया जैसी दर्दनाक बीमारी के जाल मे फंसा सकती है. हमारी हड्डियां लिगामेंट से एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं. ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार उंगलियों की हड्डियों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है.

इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हड्डियां लिगामेंट से एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं और जहां दो हड्डियां आपस में जुड़ती हैं वह हिस्सा जोड़ कहलाता है. जब हम उंगलियां चटकाते हैं उस समय हम वास्तव में इन जोड़ों को खींच रहे होते हैं और इस तरह हड्डियों को एक-दूसरे से दूर खींचते हैं.

जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव


ऐसे में आपस में जुडी हड्डियां दूर होती हैं और जोड़ के भीतर का दबाव भी कम होता है. घुटने, कोहनी और उंगलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है जो दो हड्डियों के जोड़ पर ग्रीस के जैसे काम करता है और हड्डियों को आपस में रगड़ खाने से रोकता है.

खींचने पर फूट जाते हैं द्रव के बुलबुले

जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार के द्रव में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड नए बने खाली स्थान को भरने का काम करती हैं और ऐसे में द्रव में बुलबुले बन जाते हैं.

जब हम जोड़ों को काफी अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है. इसीलिए जोड़ों को दोबारा चटकाने पर आवाज नहीं आती.

एकबार जोड़ों पर बने इन बुलबुलों के फूटने के बाद द्रव में दोबारा गैस के घुलने में 15 से 30 मिनट का समय लगता है. इसी कारण हाल ही में चटकाए गए जोड़ को तुरंत दोबारा चटकाने से आवाज नहीं आती.





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