हीमोग्लोबिन आधारित रक्त विकल्प विकसित
दुर्घटना या युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में रक्त की अनुप्लब्धता अब ज्यादा समय तक कोई बड़ी समस्या नहीं रहेगी.
हीमोग्लोबिन आधारित रक्त |
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक विभाग ने एक सुरक्षित और आसानी से कहीं भी ले जाने योग्य ऐसा रक्त विकल्प विकसित करने का दावा किया है जिसे किसी भी रक्त समूह में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग की टीम ने प्रोफेसर सुमन कुंडू के नेतृत्व में प्रयोगशाला में निर्मित हीमोग्लोबिन के पेटेंट के लिए आवेदन किया है.
उनके अनुसार रक्त विकल्प के रूप में इसके कई लाभ हैं. कुंडू ने कहा ‘प्रयोगशाला में विकसित हीमोग्लोबिन एक सुरक्षित और आसानी से ले जाए जाने योग्य रक्त विकल्प है.’
उन्होंने कहा ‘पारंपरिक रूप से खून चढ़ाने की प्रक्रिया को परोपकारी लोगों द्वारा दान किए गए रक्त से अंजाम दिया जाता है. हालांकि, विश्वभर में रक्तदान से विमुखता या चिकित्सा कारणों से रक्तदान करने में असमर्थता के चलते मांग के लिहाज से दान किए गए रक्त की आपूर्ति हमेशा खेदजनक रूप से कम रहती है.’
इसलिए वैज्ञानिकों को दान में दिए जाने वाले रक्त से इतर के विकल्प तलाशने को मजबूर होना पड़ा है.
इन विकल्पों को ‘कृत्रिम रक्त विकल्प’, ‘कृत्रिम हीमोग्लोबिन’ या ‘हीमोग्लोबिन आधारित ऑक्सीजन वाहक’ ‘एचबीओसी’ कहा जाता है.
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