पांच बीमारियों के लिए बस एक टीका
अब एक टीका से बच्चों में होने वाली पांच बीमारियां डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस और बी (हिब) की रोकथाम होगी.
टीका (फाइल) |
अब पांच बीमारियों से रक्षा के लिए एक ही टीका पेंटावैलेंट लगाया जाएगा. इस वर्ष के अंत तक पटना जिले में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में पेंटावैलेंट को शामिल किया जायेगा. इस वेक्सीन से शिशुओं में होने वाले पांच प्रकार के रोग डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस तथा बी (हिब) से होने वाले निमोनिया और मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम होगी.
इसकी शुरुआत के बाद बच्चों को दी जाने वाली सुइयों की संख्या कम हो जाएगी. स्टेट इम्यूनाईजेशन ऑफिसर (एसआईओ) डॉ. एन के सिन्हा ने बताया कि छठ पूजा के बाद पेंटावैलेंट की शुरुआत के लिए ट्रेनिंग शुरू की जाएगी.
नए वैक्सिन को शुरू करने से पहले प्रशिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि संभावना है कि दिसम्बर के अंत तक या जनवरी 2015 में नए वैक्सिन की लांचिंग कर दी जाएगी.
डिस्ट्रीक्ट इम्युनाइजेशन ऑफिसर डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में पेंटावैलेंट टीका वर्तमान में हेपेटाइटिस ‘बी’ और डीपीटी की प्राथमिक सारणी का स्थान लेगा.
कार्यक्रम की सफलता के लिए यूनिसेफ एवं सम्यक फाउंडेशन के कर्मचारी अपनी ओर से राज्य सरकार के साथ मिलकर जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण की व्यवस्था करने में लगे हैं. पेंटावैलेट टीके से कई फायदे हैं.
इसलिए केंद्र सरकार ने चुने हुए राज्यों में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में पेंटावैलेंट टीके को शामिल करने का निर्णय लिया है. पेंटावैलेंट बच्चों को पांच घातक रोगों-गलघोंटू, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस ‘बी’ और हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा (टाइप बी) से बचाव करेगा.
मालूम हो कि डीपीटी और हेपेटाइटिस ‘बी’ पहले से ही नियमित टीकाकरण का भाग है. इसमें अब हिब रोग का टीका शामिल किया गया है, जिसे पेंटावैलेंट नाम दिया गया है.
यह टीका हिमोफिलस इनफ्लुएंजा (टाइप बी) से होने वाले निमोनिया, मेनिंजइटिस (मष्तिस्क ज्वर), सेप्टिसेमिया, एपिग्लोटाइटिस और सेप्टिसेमिया आथ्र्राइटिस से रक्षा करता है.
हिब रोग के पश्चात जीवित बचे अधिकतर बच्चों में इसका लंबे समय तक प्रभाव रह जाता है. जैसे-स्थायी लकवापन, बहरा हो जाना या मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाना आदि.
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