राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने गणेश चतुर्थी पर दी बधाई
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को मनाये जाने वाले त्योहार गणेश चतुर्थी के लिए देशवासियों को बधाई दी.
गणेश चतुर्थी के लिए बृहस्पतिवार को गणेश प्रतिमा खरीदने के लिए दुकानों पर सुबह से ही खरीदारों की भीड़ देखने को मिली. |
साथ ही भारत के विकास की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश के आशीर्वाद की कामना की.
देशवासियों और विदेशों में रह रहे भारतीयों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘‘बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक भगवान गणेश की हम पर कृपा हो और हमारे विकास की राह मे आ रही सभी बधाओं को वे दूर करें ताकि हम हम एक मजबूत और जीवंत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ सकें.’’
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उम्मीद जताई की भगवान गणेश के आशीर्वाद से भारत को शांतिपूर्ण, समृद्ध और प्रबुद्ध देश के रूप में उभरने में मदद मिलेगी.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपने संदेश में भारतीयों का आह्वान किया कि वे महान मानवीय मूल्यों के लिए खुद को समर्पित करें और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाएं.
गणेशोत्सव की तैयारियां पूरी
गणेशोत्सव की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. शुक्रवार से राजधानी दिल्ली के विभिन्न मंदिरों, शक्तिपीठ, सिद्धपीठों में 11 दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव की शुरुआत होगी. भक्तगण सिद्धि विनायक भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना करेंगे. यह उत्सव आठ सितम्बर को मूर्ति विसर्जन के साथ ही संपन्न होगा.
महाराष्ट्रसदन नेता जी सुभाष मैदान, पीतमपुरा, श्री गणेश सेवा मंदिर दिल्ली की ओर से लक्ष्मीनगर में भव्य पंडाल बनाए गए हैं. राजा लाल बाग गणेशोत्सव समिति के महामंत्री अनिल गुप्ता के अनुसार पहली बार मुंबई से दिल्ली में राजा लाल बाग गणपति की प्रतिमा लाई गई है.
समिति के महासचिव सुभाष गुप्ता ने कहा कि यह उत्सव कई मायनों में दर्शकों की आस्था, श्रद्धा एवं आकषर्ण का केंद्र रहेगा. वहीं गणेश सेवा मंडल के प्रमुख महेंद्र लड्डा ने बताया कि इस बार गणेश जी की प्रतिमा पूना से लाई गई है.
हर दिन सांस्कृतिक समारोह का आयोजन होगा. गणेश चतुर्थी 29 अगस्त (शुक्रवार) को मनाई जाएगी. बता दें कि ग्यारह दिनों तो चलने वाला गणपति बप्पा उत्सव हर दिन अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. पूजा के अंतिम दिन भगवान गणेश की मूर्तियों को यमुना नदी, समुद्र तट पर पारंपरिक रूप से विसर्जित किया जाता है.
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