डब्ल्यूएचओ सम्मेलन में महामारी का मुकाबला करने का आह्वान
डब्ल्यूएचओ के 73वें सम्मेलन में स्विटजरलैंड, चीन, फ्रांस, जर्मनी आदि अनेक देशों के नेताओं ने वरिष्ठ स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि सब लोग डब्ल्यूएचओ की भूमिका की रक्षा कर एकजुट होकर महामारी का समान मुकाबला करें।
डब्ल्यूएचओ के 73वें सम्मेलन |
72वें डब्ल्यूएचओ सम्मेलन के अध्यक्ष, लाउस के स्वास्थ्य मंत्री बोनकोंग स्हावोन्ग ने कहा कि कोविड-19 के मुकाबले में चीन ने सफलता हासिल की है। चीन ने कोविड-19 का मुकाबला करते समय सामाजिक शक्तियों को इकट्ठा कर वैश्विक महामारी मुकाबले के लिए अ्नुभव व मदद भी दी है। चीन वैश्विक महामारी कार्य में डब्ल्यूएचओ की भूमिका का हमेशा समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने शी चिनफिंग द्वारा पेश किये गये मानव स्वास्थ्य के साझे भागे वाले समुदाय की विचारधारा की प्रशंसा भी की।
अफ्रीकी संघ के वर्तमान अध्यक्ष, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति मतामेला सिरिल रामाफोसा ने भाषण में फिर एक बार डब्ल्यूएचओ का पूरा समर्थन किया और नयी अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था की स्थापना का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केवल डब्ल्यूएचओ के मार्गदर्शन में ही कोविड-19 को मात दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ ने कोविड-19 कोष की स्थापना की और अभी तक कुल 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर चंदा इकट्ठा किया है। साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संबंधित वित्तीय संस्थाओं से अफ्रीकी देशों की कर्ज को कम या मुक्त करने और महामारी के मुकाबले के लिए अफ्रीका को और अधिक पूंजी देने की अपील की।
जर्मन चांसलर एंजेला मार्कल ने कहा कि कोविड-19 एक वैश्विक संकट है। कोई भी देश इससे मुक्त नहीं हो सकता है और कोई भी देश स्वतंत्र रूप से इसका निपटारा भी नहीं कर सकता है। मार्कल ने फिर एक बार डब्ल्यूएचओ की नेतृत्व भूमिका की पुष्टि की। उन्होंने जोर दिया कि डब्ल्यूएचओ के उच्च गुणवत्ता वाले प्रचलन को मदद देने के लिए निरंतर पूंजी का समर्थन देने की आवश्यक्ता है। मार्कल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर कठिनाइयों को दूर करने की अपील की।
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