भारत-चीन थिंक टैंक फोरम : ‘एशियाई सदी’ को साकार करने को भारत, चीन में सहयोग जरूरी

Last Updated 01 Dec 2019 06:59:52 AM IST

भारत और चीन के शीर्ष राजनयिक यहां एक बैठक में इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों को क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर सहयोग करना चाहिए और एशियाई सदी को साकार करने के लिए बहुआयामी संबंधों को अवश्य कायम रखना चाहिए।


‘एशियाई सदी’ को साकार करने को भारत, चीन में सहयोग जरूरी

यहां शनिवार को संपन्न हुए चौथे भारत-चीन थिंक टैंक फोरम में दोनों देशों के राजनयिकों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह विचार जाहिर किया कि दोनों देशों को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर करीबी सहयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मई 2015 में चीन यात्रा के दौरान थिंक-टैंक फोरम की स्थापना की गई थी।

इस फोरम का आयोजन इंडियन काउंसिल ऑफ वल्डर्स अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) और चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज (सीएएसएस) ने संयुक्त रूप से किया।

भारतीय दूतावास ने यहां जारी एक बयान में कहा है ‘एशियाई सदी में भारत-चीन संबंध’ के तहत इस मंच ने भारत और चीन के बीच करीबी विकास साझेदारी बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर गहराई से चर्चा की। बयान में कहा गया है कि यह चर्चा दोस्ती और खुलेपन की भावना के साथ हुई तथा इसने दोनों देशों के बीच परस्पर समझ बढाने में योगदान दिया।

इसमें कहा गया है, बैठक में भाग लेने वालों ने इसके बारे में सर्वसम्मत विचार प्रकट किया कि पड़ोसी एवं तेजी से विकास करने वाले देश होने के नाते यह जरूरी है कि भारत और चीन, दोनों देश द्विपक्षीय रूप से और क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर सहयोग करेंगे। भारत-चीन संबंध उभरती एशियाई सदी के लिए एक अहम संबंध है।

बैठक में हिस्सा लेने वाले 15 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आईसीडब्ल्यूए के महानिदेशक टीसीए राघवन ने किया। राघवन ने कहा, उपमहाद्वीप की दो बड़ी शक्तियां, भारत और चीन को अवश्य ही बहुआयामी संबंध कायम रखना चाहिए। चीन में नियुक्त भारत के उप राजदूत ए. विमल ने कहा, यह समझना जरूरी है कि यह सदी बेशक भारत और चीन की है।

भाषा
पेइचिंग


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