पाकिस्तान में जजों के पास नहीं होती कानून डिग्री
भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ नागरिकों पर मुकदमे की सुनवाई के लिए पाकिस्तानी सैन्य अदालतों की अपारदर्शी कार्यवाही की धज्जियां उड़ा दी।
पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे (फाइल फोटो) |
भारत ने कहा, भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों को न्यायिक या कानूनी रूप से प्रशिक्षित होना भी जरूरी नहीं होता। यहीं नहीं उनके पास कानून की डिग्री भी नहीं होती। भारत ने यह दलील तब दी जब भारतीय नागरिक जाधव (48) को जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले में चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई सोमवार को शीर्ष संयुक्त राष्ट्र अदालत में शुरू हुई। भारत की तरफ से पेश पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा, विदेशी नागरिक को जीवन का अधिकार, निष्पक्ष मुकदमे और पारदर्शी न्यायपालिका का अधिकार है। साल्वे ने कहा, पाकिस्तान ने पिछले दो साल में अपारदर्शी कार्यवाही में अपनी सैन्य अदालतों में 161 नागरिकों को मौत की सजा सुनाई है।
- आईसीजे जाधव मामले की सुनवाई 21 फरवरी तक करेगा।
- दिसम्बर 2017 में जाधव को मां और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी।
- जाधव इस दौरान काफी तनाव में था और दबाव के माहौल में बात कर रहा था।
- 48 वर्षीय जाधव को पाक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में मृत्युदंड की सजा दी थी।
- भारत सरकार ने इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत का रुख किया।
- आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तानी सेना की अदालत के फैसले पर स्थगन दे दिया था।
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