राष्ट्रपति जिनपिंग 2023 के बाद भी सत्ता में बने रहेंगे

Last Updated 26 Feb 2018 01:56:37 AM IST

एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए रविवार को चीन की सत्तारुढ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 2022 में कार्यकाल के समाप्त होने के पश्चात उन्हें अनिश्चित काल के लिए सत्ता में बने रहने की जमीन तैयार की.


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

इस सिलसिले में उसने पार्टी संविधान से राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा हटाने का प्रस्ताव रखा.
संवाद समिति शिन्हुआ ने रविवार को खबर दी कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति ने देश के संविधान से इस उपबंध को हटाने का प्रस्ताव रखा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यकाल दो से ज्यादा नहीं होंगे. कार्यकाल की सीमा हटाने के प्रस्ताव पर सोमवार को होने वाले पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में मुहर लग सकती है. इससे आधुनिक चीन के सबसे शक्तिशाली शासक समझे जाने वाले 64 वर्षीय शी को असीमित कार्यकाल मिल जाने की संभावना है.

सत्ता में 1993 से 2003 तक और 2003 से 2013 तक रहे उनके पूर्ववर्ती जियांग जेमिन और हू जिंताओ इस एक दलीय देश में सामूहिक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए दो कार्यकाल के नियम और परिपाटी का पालन करते हुए पार्टी महासचिव और राष्ट्रपति पद से हट गए थे. यदि चीन इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ता है जो शी माओत्से तुंग के बाद के इस समय में देश के सबसे शक्तिशाली नेता बन जाएंगे. माओत्से तुंग का शासन 1976 तक तीन दशक तक चला था.

राष्ट्रपति शी ने पिछले साल सीपीसी की राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद पांच साल के अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की है. वह सीपीसी और सेना के भी प्रमुख हैं. पिछले साल सात सदस्यीय जो नेतृत्व सामने आया था उसमें कोई भी उनका भावी उत्तराधिकारी नहीं है. ऐसे में इस संभावना को बल मिलता है कि शी का अपने दूसरे कार्यकाल के बाद भी शासन करने का इरादा है. तब से पार्टी के सभी अंग ने पिछले तीन दशक से चले आ रहे सामूहिक नेतृत्व के सिद्धांत को दरकिनार कर उन्हें पार्टी का शीर्षतम नेता घोषित कर दिया है.

पार्टी की केंद्रीय समिति ने संविधान में शी का राजनीतिक सिद्धांत - नए युग के लिए चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद पर शी चिनफिंग विचार लिखने का प्रस्ताव रखा है. इससे माओ और उनके उत्तराधिकारी देंग शियोपिंग के बाद शी एकमात्र ऐसे नेता बन जायेंगे जिनके विचार संविधान में लिखे होंगे. ऐसे में वह पार्टी के बाकी नेताओं से ऊपर हो जाएंगे.

अमेरिकी विद्वान रॉबर्ट लॉरेंस कुह्न ने पहले कहा था कि संविधान में शी के विचारों को जगह मिलने और उन्हें अहम नेतृत्व का दर्जा मिलने से वह पार्टी में औरों से आगे हो जाएंगे. दो कार्यकाल के शासन के अलावा शीर्षतम चीनी नेताओं ने 68 साल के बाद सेवानिवृत हो जाने की परिपाटी का भी पालन किया. लेकिन ‘अहम नेता’ का दर्जा मिलने और संविधान में नाम का उल्लेख होने के बाद सेवानिवृति उम्र सीमा शी पर लागू होने की संभावना नहीं है.

भाषा


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