मालदीव संकट : नशीद ने की सैन्य हस्तक्षेप की मांग

Last Updated 07 Feb 2018 06:29:10 AM IST

मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को इस द्वीपीय राष्ट्र में चल रहे संकट के हल के लिए भारत की तरफ से कूटनीतिक और सैन्य हस्तक्षेप की मांग की है.


मालदीव में इमरजेंसी घोषित करने के बाद सोमवार को राजधानी माले में पूर्व राष्ट्रपति मामून गय्यूम को हिरासत में लेते मालदीव सेना के जवान. मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (इनसेट) ने भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग की है.

यहां राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल की घोषणा की है और सेना ने सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों को गिरफ्तार कर लिया है.

यामीन ने सोमवार को आपातकाल का ऐलान किया था. इसके कुछ घंटों बाद ही मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य न्यायाधीश अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके खिलाफ जांच और किसी आरोप के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. विपक्ष के साथ जुड़े पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गय्यूम को भी उनके घर से हिरासत में ले लिया गया.

नशीद अपनी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का संचालन कोलंबो से करते हैं. उन्होंने भारत से मदद का अनुरोध किया है. एमडीपी द्वारा जारी एक बयान में नशीद ने कहा, हम चाहेंगे कि भारत सरकार न्यायाधीशों और पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गय्यूम समेत हिरासत में लिए गए राजनेताओं को मुक्त कराने के लिए अपनी सेना के साथ एक दूत भेजे. जिससे इन्हें हिरासत से छुड़ाया जाए और वापस उनके घर लाया जा सके.

नशीद ने कहा, राष्ट्रपति यामीन ने अवैध रूप से आपातकाल की घोषणा की है. नशीद ने कहा, राष्ट्रपति यामीन का ऐलान मालदीव में आपातकाल की घोषणा असंवैधानिक और अवैध है. मालदीव में किसी को भी इस गैरकानूनी आदेश को मानने की जरूरत नहीं है और उन्हें नहीं मानना चाहिए. उन्होंने कहा, हमें उन्हें सत्ता से हटा देना चाहिए. मालदीव के लोगों की दुनिया की सरकारों से प्रार्थना है, खासतौर पर भारत और अमेरिका से. इससे पहले भी नशीद ने सुप्रीम कोर्ट के राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई के आदेश के अमल में जानबूझकर की जा रही देरी परंिचता जताई थी.

अमेरिका ने निराशा जताई

अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि मालदीव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा आपातकाल की घोषणा करने से उसे ‘निराशा’ और  चिंता’ हुई है तथा उसने उनसे कानून का पालन करने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की अपील की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, राष्ट्रपति यामीन, सेना और पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रही, जो संविधान एवं कानून के शासन के खिलाफ है.

माजरा क्या है

हिंद महासागर के खूबसूरत द्वीपसमूह मालदीव में पिछले सप्ताह उस समय संकट गहराया जब सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद नौ विपक्षी राजनेताओं की रिहाई का आदेश दिया और कहा कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित और त्रुटिपूर्ण था. सरकार ने इस फैसले को लागू करने से इनकार कर दिया जिससे राजधानी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया.

एजेंसियां


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