डोकलाम में चीनी सैनिकों की तादाद में कमी से जुड़े जनरल रावत के बयान पर चुप्पी साधी

Last Updated 09 Jan 2018 03:35:55 PM IST

चीन ने मंगलवार को भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत के उस दावे का खंडन नहीं किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि डोकलाम में चीनी सैनिकों की संख्या में काफी कमी आई है.


भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (फाइल फोटो)

हालांकि, चीन ने डोकलाम पर अपने दावे को दोहराया और कहा कि गश्त व इलाके में अपने जवानों की तैनाती पर उसका संप्रभु अधिकार है.

सिक्किम सेक्टर स्थित डोकलाम के मुद्दे पर पिछले साल भारत और चीन के बीच 73 दिन तक गतिरोध कायम रहा था। यह गतिरोध 28 अगस्त को खत्म हुआ था.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग से जब जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, डोकलाम का इलाका हमेशा से चीन का हिस्सा और चीन के लगातार एवं प्रभावी अधिकार क्षेत्र में रहा है. इस बाबत कोई विवाद नहीं है.  

सैनिकों की संख्या में कमी पर टिप्पणी नहीं करते हुए लू कांग ने कहा,  डोकलाम इलाके में तैनात और वहां गश्त कर रहे चीनी सैनिक ऐतिहासिक परंपराओं के अनुसार संप्रभुता संबंधी अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं और क्षेत्रीय संप्रभुता को बरकरार रख रहे हैं.  
       
लू ने जनरल रावत की इस टिप्पणी पर भी प्रत्यक्ष तौर पर कुछ नहीं कहा कि भारत एवं चीन ने अरूणाचल प्रदेश के ट्यूटिंग में भारतीय क्षेत्र में सड़क बनाने की चीनी सैनिकों की योजना से जुड़ा मसला दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सुलझा लिया.
       
उन्होंने अरूणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को दोहराया. चीन अरूणाचल को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है.


       
लू ने कहा, मेरे सहकर्मी इससे जुड़े सवाल पर कई बार प्रतिक्रिया जाहिर कर चुके हैं. मुझे दोहराना होगा कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से में भारी विवाद है.  
       
उन्होंने कहा, लिहाजा, हमें आम राय के जरिए समझौते पर पहुंचना होगा. लेकिन इससे पहले हमें शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखने की जरूरत है. हम पहले ही स्थापित किए जा चुके तंत्र और सीमा संबंधी ऐतिहासिक समझौतों के जरिए संबंधित विवाद सुलझा सकते हैं. 
       
रावत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "डोंग लांग इलाके में चीनी सैनिकों की तैनाती व गश्त संप्रभुता के अधिकार के तहत है और यह ऐतिहासिक संकल्प की व्यवस्था व क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखने के अनुरूप है."

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "डोंग लांग इलाका चीन का हिस्सा है और यह लगातार चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है. इस संबंध में कोई विवाद नहीं है."

जनरल रावत ने सोमवार को कहा था कि डोकलाम में चीनी सैनिकों की संख्या में काफी कमी आई है. सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में गतिरोध की वजह से भारत व चीन की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने रही हैं.

दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटने के बाद यह संकट बीते साल अगस्त में सुलझ पाया था.

 

भाषा/आईएएनएस


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