'पाक सहायता' पर ट्रंप की टिप्पणी के बाद आसिफ की अब्बासी से मुलाकात

Last Updated 02 Jan 2018 06:35:13 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान पर अमेरिका को झूठ और धोखे के सिवा कुछ भी नहीं देने का आरोप लगाने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की.


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (file photo)

जियो टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया, बैठक में ट्रंप के बयान की एक विस्तृत समीक्षा की गई. 
उसने कहा कि दोनों नेताओं ने देश की विदेश नीति पर चर्चा की.
आसिफ ने ट्वीट किया, हम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट पर इंशाअल्लाह जल्द जवाब देंगे..हम विश्व को सच्चाई बताएंगे..तथ्यों और गढ़ी कहानी का अंतर बताएंगे. 
मंत्री ने कहा, हम अमेरिका के उसके :अमेरिका के: लिए और करने की बात से इनकार कर चुके है. हमने ट्रंप प्रशासन को बता दिया है कि हम उसके लिए   और नहीं करेंगे. और करने का कोई महत्व नहीं है. 
उन्होंने कहा, पाकिस्तान को गत 15 वर्षो में अमेरिका से जो सहायता मिली है उसकी प्रत्येक जानकारी सार्वजनिक करने को तैयार है. 

इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर शेरी रहमान ने ट्वीट किया, गठबंधन सहायता राशि को पाकिस्तान द्वारा कभी भी सहायता के तौर पर नहीं गिना गया. न ही इसे सहायता के तौर पर देखा जाएगा. वह सीमा पर संयुक्त कार्वाई पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति थी. हमें अन्य सहायता के बारे में बात करनी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान ने नाटो यातायात के लिए कभी शुल्क नहीं लगाया. 
ट्रंप ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए आज आरोप लगाया कि उसने गत 15 वर्षो में 33 अरब डालर की सहायता के बदले अमेरिका को  झूठ और धोखे  के सिवा कुछ भी नहीं दिया है. ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी.
ट्रंप ने कड़े शब्दों वाले ट्वीट में कहा, अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से पाकिस्तान को गत 15 वर्षो में 33 अरब डालर से अधिक की सहायता दी और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख सोचते हुए हमें झूठ और धोखे  के अलावा कुछ भी नहीं दिया. 
उन्होंने इस वर्ष के अपने पहले ट्वीट में कहा, उन्होंने उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करायी जिनके खिलाफ हम बहुत कम मदद के अफगानिस्तान में कार्वाई करते हैं. अब और नहीं. 
यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से किया गया सबसे कड़ा हमला है. उनकी टिप्पणी न्यूयार्क टाइम्स की उस खबर के कुछ दिन बाद आयी है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की अनिच्छा के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उसे दी जाने वाली 22.5 करोड़ डालर सहायता रोकने पर विचार कर रहा है.

भाषा


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