हाफिज सईद की रैली में शामिल होने पर डेमार्शे के बाद फलस्तीन ने पाक से राजदूत वापस बुलाया

Last Updated 30 Dec 2017 10:02:52 PM IST

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड एवं जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद की रैली में फलस्तीन के राजूदत की मौजूदगी के मुद्दे पर भारत ने आज फलस्तीन को कड़ा डेमार्शे जारी किया और घटना को "अस्वीकार्य" बताया.


हाफिज सईद की रैली में फलस्तीनी राजदूत (फाइल फोटो)

विदेश मंत्रालय में भारत के आर्थिक मामलों के सचिव विजय गोखले ने दिल्ली स्थित फलस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल हाइजा को यहां साउथ ब्लॉक बुलाया. इसके बाद मंत्रालय ने कहा कि दोनों जगह-नयी दिल्ली में फलस्तीनी राजदूत और रामल्ला में फलस्तीनी विदेश मंत्री को भारत की चिंता से अवगत कराया गया.

इस बीच कांग्रेस ने फलस्तीनी राजदूत के जमाद उद दावा के साथ मंच साझा करने की घटना को निराश करने वाली और अस्वीकार्य बताया है.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, यह जरूरी है कि फलस्तीनी प्राधिकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे और हाफिज सईद की अगुवाई वाले आतंकवादी गुट की निंदा करने के अपने पहले के रुख की पुष्टि करे.   उन्होंने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकार ने हमेशा भारत के साथ एकजुटता दिखाई है और मुंबई आतंकवादी हमले की निंदा कर चुका है.

समूचे घटनाक्रम पर मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, भारत सरकार ने फलस्तीनी पक्ष को कड़े शब्दों में कहा कि 29.12.2017 को रावलपिंडी में एक कार्यक्रम में आतंकवादी सईद, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित कर रखा है, उसके साथ पाकिस्तान में मौजूदा फलस्तीनी राजदूत का जुड़ाव अस्वीकार्य है. 

इसमें कहा गया कि फलस्तीनी पक्ष ने घटना पर गहरा खेद व्यक्त किया और भारत को आश्वासन दिया कि वह कार्यक्रम में अपने राजदूत की मौजूदगी पर गंभीर संज्ञान ले रहा है.

विज्ञप्ति में कहा गया, उन्होंने कहा है कि वे मामले से उचित रूप से निपटेंगे. यह भी कहा गया कि भारत के साथ अपने संबंधों को फलस्तीन काफी अहमियत देता है, तथा हम उन लोगों का साथ नहीं देंगे जो भारत के खिलाफ आतंकी कृत्य करते हैं. 



सरकार ने फलस्तीनी राजनयिक द्वारा दिए गए आश्वासन को संज्ञान में लिया है जिन्होंने भारत को सूचित किया कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान से अपने राजदूत वलीद अबू अली को वापस बुलाने का फैसला किया है.

हाइजा ने अपनी बैठक के बाद पीटीआई से कहा कि सईद की रैली में शामिल होने के मुद्दे पर अली को वापस बुला लिया गया है.

शीर्ष फलस्तीनी राजनयिक ने कहा कि भारत और फलस्तीन के नजदीकी एवं मित्रतापूर्ण संबंधों को देखते हुए अली का कदम अस्वीकार्य  है और उन्हें सामान पैक करने तथा इस्लामाबाद से वापस आने के लिए कुछ दिन का समय दिया गया है.

हाइजा ने कहा, फलस्तीन सरकार ने अली को बता दिया है कि वह अब पाकिस्तान में उसके राजनयिक नहीं हैं. 

पाकिस्तान स्थित फलस्तीन के राजदूत अली ने शुक्रवार को रावलपिंडी में दिफाह ए पाकिस्तान काउंसिल द्वारा आयोजित रैली में भाग लिया था. दिफाह ए पाकिस्तान काउंसिल पाकिस्तान के धार्मिक और चरमपंथी समूहों का संगठन है जिसका मुखिया हाफिज सईद है.

भाषा


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