भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाइयों पर

Last Updated 26 Dec 2017 04:04:15 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के भीतर भारत का सबसे अच्छा दोस्त होने का चुनावी वादा पूरा किया और इसके साथ ही वर्ष 2017 में भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंचे.


भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाईयों पर

भारत इकलौता ऐसा देश है जिसके लिए ट्रंप प्रशासन 100 वर्षीय योजना लेकर आया, यह सम्मान अमेरिका के शीर्ष सहयोगियों को भी प्राप्त नहीं है.
ट्रंप प्रशासन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र को हिंद-प्रशांत क्षेत्र नाम दिया. बल्कि चीन की बेचैनी को बढ़ाते हुए पूरे क्षेत्र में नई दिल्ली को और बड़ी भूमिका और स्थान भी दिया. इसके साथ ही अमेरिका ने पहली बार स्पष्ट शब्दों में कहा कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है. ट्रंप ने अपनी दक्षिण एशिया नीति में युद्धग्रस्त राष्ट्र में शांति बहाल करने में भारत की भूमिका को अहम बताया. यह भी पहली बार हुआ  कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने नई दिल्ली के रख से सहमति जताई कि आतंकवाद पाकिस्तान से पैदा होता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल में अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है जिसमें भारत को अग्रणी वैश्विक ताकत बताया है.
दक्षिण एवं मध्य एशिया के ब्यूरो के प्रभारी अमेरिकी विदेश उपमंत्री टॉम वाजदा ने बताया, अमेरिका-भारत संबंधों के लिए 2017 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा. उन्होंने कहा, वर्ष 2017 में हमारे द्विपक्षीय संबंध हमारे साझा हितों और लक्ष्यों के साथ इस पर केंद्रित हैं कि दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हम मिलकर क्या कर सकते हैं खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, आतंकी खतरों से मुकाबले में, अपनी प्रतिरक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने, मुक्त और परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने और ऊर्जा संपकरे को बढ़ाने के लिए. उन्होंने बताया, जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन दौरे के दौरान कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत, कहीं अधिक बेहतर हैं. चीन की वन बेल्ट, वन रोड परियोजना पर भी अमेरिका ने पहली बार भारत के रख का समर्थन किया है.

इसके अलावा रक्षामंत्री जिम मैटिस के नेतृत्व में पूरे प्रशासन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर संप्रभुता का मुद्दा भी उठाया. द्विपक्षीय संबंधों के लिए जमीन वर्ष के पहले छह महीने में दोनों पक्षों के अधिकारियों ने तैयार की खासकर विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने. उन्होंने अमेरिका के कई दौरे किए या व्हाइट हाउस के कई वरिष्ठ अधिकारियों की अगवानी की. लेकिन इस वर्ष द्विपक्षीय संबंधों में नया और ऐतिहासिक मोड़ 26 जून को आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की.
मोदी और ट्रंप इस वर्ष दो बार मुलाकात कर चुके हैं जबकि फोन पर कई बार बात कर चुके हैं. मोदी के दौरे के बाद रक्षामंत्री जिम मैटिस और टिलरसन भारत दौरे पर गए. वाजदा ने कहा,  हमारी सेना ने चेन्नई में मालबार नौसेना अभ्यास के माध्यम से एक बार फिर साथ काम करने की अपनी क्षमता साबित की. वाशिंगटन में हमारी सेनाओं ने युद्ध अभ्यास अभियान के जरिए आतंकवाद निरोध तथा उग्रवाद निरोध अभियानों में अपने कौशल को और निखारा. भारत मे अमेरिका के पूर्व राजदूत र्रिचड वर्मा ने कहा, इस वर्ष यह साबित हो गया कि अमेरिका/भारत साझेदारी दोनों पक्षों के लिए प्राथमिकता है.

भाषा


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