भारत की बड़ी जीत, दलवीर भंडारी फिर बने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस

Last Updated 21 Nov 2017 09:46:32 AM IST

नीदरलैंड के हेग स्थ‍ित अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की ओर से नामित जस्टिस दलवीर भंडारी दूसरी बार जज चुने गए हैं. भंडारी को जनरल एसेंबली में 183 मत मिले. उनका मुकाबला ब्रिटेन के उम्मीदवार जस्टिस क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था.


भंडारी फिर बने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (फाइल पोटो)

अंतरराष्ट्रीय अदालत में भंडारी के आज हुए पुन:निर्वाचन पर ब्रिटेन का कहना है कि वह करीबी दोस्त भारत की जीत से खुश है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भंडारी को 193 में से 183 वोट मिले जबकि सुरक्षा परिषद् में सभी 15 मत भारत के पक्ष में गये. इस चुनाव के लिए न्यूयॉर्क स्थित संगठन के मुख्यालय में अलग से मतदान करवाया गया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है,  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय तथा दूतावासों में उनकी पूरी टीम को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई, जिसके कारण भारत आईसीजे में पुन:निर्वाचित हुआ है. 

उन्होंने लिखा है, यूएनजीए और यूएनएससी के सभी सदस्यों को भारत के प्रति विश्वास और समर्थन के लिए हमारी ओर से कृतज्ञता.  उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अदालत में जज भंडारी के पुन:निर्वाचन पर उन्हें बधाई दी. मोदी ने लिखा है,   उनका पुन:निर्वाचन हमारे लिए गौरव का क्षण है.


इस दौर के मतदान से पहले ब्रिटेन द्वारा बड़े ही आश्चर्यजनक तरीके से अपना प्रत्याशी वापस लिये जाने के कारण हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए भंडारी का पुन:निर्वाचन संभव हो सका है.
    
आईसीजे में अपने पुन:निर्वाचन के लिए भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच कांटे की टक्कर थी.
    
ऐसा माना जा रहा था कि सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ग्रीनवुड के पक्ष में हैं. गौरतलब है कि ब्रिटेन सुरक्षा परिषद् का पांचवा स्थाई सदस्य है.
    
आश्चर्यजनक घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के स्थाई प्रतिनिधि मैथ्यू रिक्रोफ्ट ने अपराह्न तीन बजे होने वाले 12वें चरण के मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद् दोनों सदनों के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए एक समान पत्र लिखा.
    
दोनों के अध्यक्षों के सामने पढ़े गये पत्र में रिक्रोफ्ट ने कहा कि उनके प्रत्याशी जज क्रिस्टोफर ग्रीनवुड ने 15 सदस्यीय आईसीजे से अपना नाम वापस लेने का फैसला किया है. वह और भंडारी आईसीजे में नौ वर्ष के कार्यकाल के लिए आमने-सामने थे.


    
मतदान के पहले 11 दौर में भंडारी को महासभा में करीब दोतिहाई मत मिले थे, जबकि ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद् में लगातार नौ वोट मिल रहे थे. इसके बाद ही दोनों पक्षों के बीच यह समझौता हुआ है.
    
जज दलवीर भंडारी की जीत पर उन्हें बधाई देते हुए ब्रिटेन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंचों पर भारत के साथ अपना करीबी सहयोग जारी रखेगा.
    
रिक्रोफ्ट की ओर से लिखी गयी चिट्ठी में कहा गया है, ब्रिटेन इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अगले दौरों के चुनाव के साथ सुरक्षा परिषद् और संयुक्त राष्ट्र महासभा का कीमती समय बर्बाद करना सही नहीं है. 
    
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत के जज भंडारी सहित सभी सफल प्रत्याशियों को बधाई देता है.
    
ब्रिटेन का कहना है कि उसका निराश होना स्वभाविक है, लेकिन यह छह प्रत्याशियों के बीच का कड़ा मुकाबला था. अंतरराष्ट्रीय अदालत के 71 वर्षो के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब उसकी पीठ में एक भी ब्रिटिश नहीं है.

 

भाषा


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