UN में अंतरराष्ट्रीय अदालत सीट चुनाव : भारतीय उम्मीदवार की जीत की संभावना से UNSC के स्थाई सदस्य सकते में
अंतरराष्ट्रीय अदालत की अंतिम सीट के लिए चुनाव में ब्रिटेन के उम्मीदवार के खिलाफ भारतीय प्रत्याशी दलवीर भंडारी की जीत की संभावना से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य सकते में है, क्योंकि यह एक मिसाल तय करेगा जो भविष्य में उनकी शक्ति को चुनौती दे सकता है. पर्यवेक्षकों का ऐसा आकलन है.
दलवीर भंडारी (file photo) |
सूत्रों ने बताया, भंडारी और ब्रिटेन के क्रि स्टोफर ग्रीनवुड के बीच हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में पुन: चुनाव के लिए कड़ा मुकाबला है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य (अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन) ग्रीनवुड के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ते हैं.
सुरक्षा परिषद का पांचवां स्थायी सदस्य ब्रिटेन है. अब तक 11 दौर के चुनाव में भंडारी को महासभा के करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिला है, लेकिन सुरक्षा परिषद में वह ग्रीनवुड के मुकाबले तीन मतों से पीछे हैं. 12वें दौर का चुनाव आज होना है.
विस्त सूत्रों ने बताया, ब्रिटेन ने शुक्र वार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ अनौपचारिक परामर्श में संयुक्त सम्मेलन प्रणाली के विचार पर विमर्श किया क्योंकि उसे लगता है कि यह बचकर निकलने की उनकी रणनीति हो सकती है.
अनौपचारिक परामर्श के दौरान सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ साझा किए गए विचार में, ब्रिटेन पहले दौर के बाद आईसीजे का मतदान रूकवा सकता है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं भारत ने दो तिहाई मत हासिल कर लिए तो सुरक्षा परिषद के लिए भारत के प्रत्याशी को आईसीजे में निर्वाचित होने से रोकना बहुत मुश्किल होगा. बहरहाल, वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थायी सदस्यों के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से भारत की जीत की संभावना से ये पांचों देश- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, और अमेरिका सकते में हैं क्योंकि यह एक मिसाल पेश करेगा और वे नहीं चाहते कि यह हो.
सूत्रों ने कहा, आज ब्रिटेन है और कल हममें से कोई भी हो सकता है. इस दलील ने इन सभी पांच सदस्यों को साथ ला दिया है. संयुक्त राष्ट्र के अंदरूनी लोगों द्वारा इस तरह का आकलन सूत्रों की जानकारी पर आधारित है क्योंकि आईसीजे चुनाव के लिए सुरक्षा परिषद और महासभा , दोनों ही जगह गुप्त मतदान होता है और यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि किसने किसे वोट दिया है.
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