मोदी और ट्रंप की नजदीकियों से चिढ़ गया चीन

Last Updated 28 Jun 2017 03:33:07 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली मुलाकात के बीच, चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा है कि चीन को घेरने के लिए अमेरिका का सहयोगी बनने का भारत का प्रयास उसके हित में नहीं होगा और इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.

‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एक लेख में कहा गया कि वाशिंगटन और दिल्ली चीन के उदय को लेकर चिंताएं साझा करते हैं. हाल के वर्षो में, चीन पर भूराजनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने भारत से दोस्ती बढ़ाई है.

इसमें रेखांकित किया गया कि भारत जापान या आस्ट्रेलिया जैसा अमेरिकी सहयोगी देश नहीं है. लेख में कहा गया कि चीन को घेरने की अमेरिकी रणनीति में दूर की चौकी जैसे देश की भूमिका निभाना भारत के हित के अनुसार नहीं है. इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.

अखबार में कहा गया कि अगर भारत अपने निर्गुट रुख से पीछे हटता है और चीन को घेरने में अमेरिका का प्यादा बनता है तो वह रणनीतिक असमंजस में फंस जाएगा और दक्षिण एशिया में नई भूराजनीतिक स्थितियां पैदा हो जाएंगी.

गौरतलब है कि चीन और दक्षिण चीन सागर के विवाद के संदर्भ में मोदी और ट्रंप ने व्हाटस हाउस में मुलाकात के बाद नौवहन की आजादी और अंतरराष्ट्रीय विधि के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से क्षेत्रीय एवं समुद्री विवादों के निपटारे का आह्वान किया था.

भाषा


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