भारतीय कंपनियों का निवेश हमारे लिए मूल्यवान : अमेरिका
अमेरिकी सरकार द्वारा एच1बी वीजा नियमों में सभावित बदलाव को लेकर हाल में उपजी चिंताओं के बीच अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वे भारतीय कंपनियों के निवेश की कद्र करते हैं और भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंध चाहते हैं.
(फाईल फोटो) |
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के कार्यवाहक प्रवक्ता मार्क टोनर ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा, "हम भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में एच1बी वीजा नियमों को सख्त करने से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद उपजे विवाद से संबंधित सवालों के जवाब में टोनर ने यह बात कही.
टोनर ने कहा, "भारतीय कंपनियों द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगातार किए गए निवेश की हम बहुत कद्र करते हैं और यह निवेश निश्चित तौर पर अमेरिका में हजारों की संख्या में नौकरियां पैदा करता है."
उन्होंने कहा, "नए वीजा नियमों के तहत किसी तरह की नई अहर्ता के संबंध में मुझे पता करना होगा कि कोई बदलाव हुआ है या नहीं."
टोनर ने कहा, "यह स्मरण रखना अहम होगा कि यह हमारे दूतावास ब्यूरो की कार्यप्रणाली का हिस्सा है और विदेशों में नियुक्त हमारे राजदूत और हमारे दूतावास एवं मिशन नियमित अंतराल पर समीक्षा की प्रणाली अपनाते रहे हैं. वीजा जारी करने और इस प्रक्रिया को सटीक बनाने के लिए नियमों के मुताबिक ही कार्यवाही की गई है, क्योंकि हम अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं."
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में अमेरिकी दौरे के दौरान अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष ट्रंप प्रशासन द्वारा एच1बी वीजा नियमों को सख्त करने की कोशिशों का मुद्दा उठाया था.
पिछले सप्ताह वाशिंगटन में जेटली ने अमेरिका के वित्तमंत्री स्टीवेन मनुचिन के साथ और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के साथ हुई बैठकों के दौरान एच1बी वीजा का मामला उठाया था.
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